पाई: एक रहस्यमय दुनिया: सुमीता ओझा
साहित्य की दैनंदिनी में दीगर मसले भी शामिल हैं. केवल साहित्य से तो साहित्य भी संभव नहीं. आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ...
साहित्य की दैनंदिनी में दीगर मसले भी शामिल हैं. केवल साहित्य से तो साहित्य भी संभव नहीं. आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ...
शास्त्रीय गायन की गहराई और उसके सौंदर्य से युवाओं को परिचित कराने, उसे सुनने का धैर्य और समझ विकसित करने ...
असमति के इस दूसरे अंक में विनोद दास, लीलाधर मंडलोई, नवल शुक्ल, सविता सिंह, पवन करण, प्रभात, केशव तिवारी, प्रभात ...
अनीति देख कविता शाप भी देती है, यह शब्दों की ताकत है, यह भाषा की अर्जित शक्ति है. असहमति और ...
गणितज्ञ रामानुजन की स्मृति में 22 दिसम्बर को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. सुमीता ओझा साहित्य के ...
पंडित बिरजू महाराज पर के. मंजरी श्रीवास्तव का संस्मरणात्मक-आलेख आपने देखा- ‘मेरे बिरजू महाराज’. नृत्य प्रस्तुतियों को सहृदय किस तरह ...
भाषा की दुनिया अपार अनंत है, नाना तरह की चीजें उसमें घटित होती रहती हैं. साहित्य तो उसका एक हिस्सा ...
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपने महत्वपूर्ण निबन्ध ‘कविता क्या है’ में लिखा है “ज्यों-ज्यों हमारी वृत्तियों पर सभ्यता के नये-नये ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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