स्मृतियों का खिला फूल: स्वप्निल श्रीवास्तव
वरिष्ठ कथाकार अशोक अग्रवाल की पुस्तक ‘संग साथ’ के कुछ संस्मरण पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर चर्चा के विषय रहें हैं. ...
वरिष्ठ कथाकार अशोक अग्रवाल की पुस्तक ‘संग साथ’ के कुछ संस्मरण पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर चर्चा के विषय रहें हैं. ...
कविताएँ प्रतीकों का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें बदल भी देती हैं और उनके सामने प्रतिरोध में खड़ी भी हो जाती ...
हिंदी कविता कबीर की तरह खुली आंखों से सबकुछ देखती रहती है, उसे ऐश्वर्य की नींद नहीं चाहिए, वह बेचैन ...
"कवि जीवन भर प्रेम की खोज में लगा रहता है, यह एक तरह से जीवन की तलाश है. प्रेम केवल ...
कुछ कवि कविता में रहते-रहते खुद कविता की तरह लगने लगते हैं जैसे निराला, शमशेर, जैसे मुक्तिबोध जैसे आलोकधन्वा.स्वप्निल श्रीवास्तव ...
स्वप्निल श्रीवास्तवजन्म ५ अक्टूबर १९५४ को पूर्वी उ.प्र. के जनपद सिद्धार्थनगर के सुदूर गांव मेंहनौना में. शिक्षा और जीवन की ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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