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स्थापना दिवस पर मिले शुभाशीष के लिए समालोचन आपके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता है. वह जो कुछ है...
‘चरथ भिक्खवे’ के अंतर्गत 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2024 के बीच बुद्ध से जुड़े स्थलों की यात्रा लेखकों द्वारा...
हिंदी में ‘भूखी पीढ़ी’ कविता का ज़िक्र होता रहा है. हिंदी के कई कवि इससे प्रभावित भी थे. पर इसका...
1908 में जन्मे विलियम सरोयान अर्मीनियाई मूल के अमेरिकी लेखक हैं. 1957 में वे 49 साल के थे तब अट्ठाईस...
साठ पार कर चुके केशव तिवारी के चार कविता संग्रह- ‘इस मिट्टी से बना’, ‘आसान नहीं विदा करना’, ‘तो काहे...
कुमार अम्बुज की कविताओं पर विचार करते हुए विष्णु खरे ने एक जगह लिखा है कि ‘उनके पास डीएसएलआर कैमरे...
अम्बर पाण्डेय अपनी कविताओं के लिए प्रशंसित और पुरस्कृत हैं. हालाँकि अभी उनका कोई कहानी-संग्रह नहीं आया है पर संग्रह...
वर्षों से विनय सौरभ की कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही हैं. उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है....
अरुणाचल प्रदेश समृद्ध और विविधता से भरपूर है. संपर्क भाषा के रूप में हिंदी से जुड़ाव के बावजूद अपरिचय अभी...
जिसे हम साहित्य का भक्ति काल कहते हैं, अखिल भारतीय आंदोलन था. देखते-देखते भारत के सभी हिस्सों से जनभाषा में...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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