1929 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जर्मन लेखक और कथाकार थॉमस मान के उपन्यास ‘द मैजिक माउंटेन’ (1924)...
हिंदी में युवाल नोआ हरारी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. ‘सेपियन्स’, ‘होमो डेयस’ और ‘२१ वीं सदी के लिए...
1924 में प्रकाशित ई. एम. फ़ॉर्स्टर के उपन्यास ‘ए पैसेज टु इण्डिया’ पर वरिष्ठ आलोचक और अनुवादक हरीश त्रिवेदी का...
जेम्स ज्वायस की ‘द डेड’ कहानी का शिव किशोर तिवारी द्वारा किया गया अनुवाद आपने यहीं पढ़ा था. कहानी आकार...
यह कहानी आपको छूती है, आपके मन के चोर दरवाज़े पर दस्तक देती है. जिससे आप छुपते रहते हैं, नज़र-अंदाज़...
आज से सौ साल पहले १९२४ में ई. एम. फ़ॉर्स्टर का उपन्यास ‘ए पैसेज टु इण्डिया’ प्रकाशित हुआ था. यह...
प्रसिद्ध आलोचक और तुलनात्मक साहित्य के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के विद्वान हरीश त्रिवेदी का यह मानना है कि भारत के विषय...
किसी कवि की परम्परा कितनी लम्बी कितनी गहरी हो सकती है इसे जानना हो तो ज्ञानेन्द्रपति की कविताएँ पढ़नी चाहिए....
सूर्य जब कलाओं में उदित होता है, लगता है जैसे पहली बार उसे हम देख रहे हैं. कविता निकट में...
गजानन माधव मुक्तिबोध (1917-1964) की कालजयी कविता ‘अँधेरे में’ के अनेक पाठ हैं. उसे तरह-तरह से समझा गया है. कालजयी...
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