आलेख

गदल: वर्जनाहीन स्त्री-चरित्र की गाथा: रोहिणी अग्रवाल

गदल: वर्जनाहीन स्त्री-चरित्र की गाथा: रोहिणी अग्रवाल

तिरुमलै नम्बाकम वीर राघवाचार्य  उर्फ रांगेय राघव (१७ जनवरी, १९२३ - १२ सितंबर, १९६२) का रचनासंसार इतना विस्तृत और  बहुविषयक है कि भारतेंदु की रचनाशीलता की याद आती है,  उनकी...

बॉब डिलन: गीत चतुर्वेदी

बॉब डिलन: गीत चतुर्वेदी

अमरीकी गीतकार और गायक बॉब डिलन (May 24, 1941) पिछले पांच दशकों से अपने लिखे गीतों से पूरी दुनिया को प्रभावित करते आ रहे हैं. गीतों को नया आयाम देने के...

सबद भेद : गांधी और प्रतिरोध : प्रकाशचन्द्र भट्ट

महात्मा गांधी का निर्माण साम्राज्यवाद विरोधी चेतना, आंतरिक जातिवाद और सम्प्रदायवाद विरोधी चिंता और दो विश्व युद्धों के बीच मानवता की दुर्दशा पर चिंतन के बीच हुआ है. ये सभी स्थितियाँ...

भूमंडलोत्तर कहानी (११) : चौपड़ें की चुड़ैलें ( पंकज सुबीर) : राकेश बिहारी

हिंदी की प्रतिष्ठा प्राप्त कथा-पत्रिका हंस के अप्रैल २०१६ में प्रकाशित पंकज सुबीर की  कहानी \"चौपड़े की चुड़ैलें\" को २०१६ का \"राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान\" (योगिता यादव के साथ...

तोड़ती पत्थर (निराला): शिव किशोर तिवारी

तोड़ती पत्थर (निराला): शिव किशोर तिवारी

महाकवि निराला की प्रसिद्ध कविता ‘तोड़ती पत्थर’ के कई पाठ हुए (reading) हैं. दलित साहित्यकार कंवल भारती ने ‘श्याम तन,भर बंधा यौवन’ को लेकर सवाल उठाये और इसे पुरुष की लोलुप...

आकाशदीप ( जयशंकर प्रसाद): रोहिणी अग्रवाल

आकाशदीप ( जयशंकर प्रसाद): रोहिणी अग्रवाल

जयशंकर प्रसाद : (३० जनवरी, १८९० – १४ जनवरी, १९३७)/बीसवीं शताब्दी के महानतम साहित्यकार जयशंकर प्रसाद जितने बड़े कवि हैं उतने ही बड़े नाटककार और कथाकार भी. अभी इतिहास की उनकी समझ...

भूमंडलोत्तर कहानी (१०) : कउने खोतवा में लुकइलू (राकेश दुबे) : राकेश बिहारी

  भूमंडलोत्तर कहानी विमर्श के अंतर्गत आपने ‘लापता नत्थू उर्फ दुनिया न माने’ (रवि बुले), ‘शिफ्ट+ कंट्रोल+आल्ट = डिलीट’ (आकांक्षा पारे), ‘नाकोहस’ (पुरुषोत्तम अग्रवाल), ‘अँगुरी में डसले बिया नगिनिया’ (अनुज), ‘पानी’...

कालजयी : पत्नी : रोहिणी अग्रवाल

पेंटिग : अमृता शेरगिल‘कालजयी’ स्तम्भ में आप प्रेमचंद की कहानी, ‘कफन’ पर रोहिणी अग्रवाल का आलेख पढ़ चुके हैं, इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज जैनेन्द्र कुमार की कहानी...

कालजयी : कफ़न : रोहिणी अग्रवाल

कफ़न प्रेमचन्द की आखिरी कहानी है. यह मूल रूप में उर्दू में लिखी गयी थी. ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया’ की पत्रिका ‘जामिया’के दिसम्बर, १९३५ के अंक में यह प्रकाशित हुई, इसका...

नामवर सिंह की पुस्तक ‘कहानी नई कहानी’: राकेश बिहारी

पार्श्व में हजारीप्रसाद द्विवेदी : समालोचननामवर सिंह की आलोचना–पुस्तक ‘कहानी नयी कहानी’, हिंदी कहानी को समझने के लिए आधार-ग्रन्थ की तरह है. नामवर सिंह ने इसे एक दशक (१९५६-१९६५) की...

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