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कृष्णा सोबती: ‘पहले दिल-ए-गुदाख़्ता पैदा करे कोई’: रवीन्द्र त्रिपाठी

कृष्णा सोबती: ‘पहले दिल-ए-गुदाख़्ता पैदा करे कोई’: रवीन्द्र त्रिपाठी

2017 के लिए साहित्य का प्रतिष्ठाप्राप्त सम्मान ‘ज्ञानपीठ’ हिंदी की महत्वपूर्ण लेखिका कृष्णा सोबती को  कल प्रदान किया गया जिसे उनकी तरफ से अशोक वाजपेयी ने ग्रहण किया. अस्वस्थ होने...

भूमंडलोत्तर कहानी – १९ : अगिन असनान – आशुतोष : राकेश बिहारी

by Solvyng 1799समकालीन हिंदी कथा-साहित्य पर आधारित स्तम्भ –‘भूमंडलोत्तर कहानी’ के अंतर्गत आशुतोष की कहानी – ‘अगिन असनान’ की विवेचना आप आज पढ़ेंगे.  यह कहानी ‘सती’ के बहाने समाज के उस हिंसक...

विष्णु खरे : सदाशिव श्रोत्रिय

(आभार : मनीष गुप्ता)समालोचन का  ‘भाष्य’  कृतियों  की व्याख्या, पुनर्व्याख्या, पुर्नमूल्यांकन आदि का  स्तम्भ है. हिंदी कविता को समझने के लिए उसकी जटिलता, शब्द लाघव, अर्थछबियाँ, बहु स्तरीयता, वैचारिकी आदि...

भूमंडलोत्तर कहानी – १८ ( संझा : किरण सिंह ) : राकेश बिहारी

(Cavan Ó Raghallaigh is a father, a spouse, a political activist and a transgender man)कथाकार किरण सिंह की  कहानी  ‘संझा’ दो लिंगों में विभक्त समाज में उभय लिंग (ट्रांसजेंडर) की त्रासद उपस्थिति...

गैंग्रीन: रोहिणी अग्रवाल

गैंग्रीन: रोहिणी अग्रवाल

अज्ञेय  सम्पूर्ण रचनाकार थे. कवि, उपन्यासकार, कहानीकार, संपादक, पत्रकार, गद्य लेखक आदि, अपनी बहुज्ञता और विविधता में जयशंकर प्रसाद की याद दिलाते हुए.  उनकी एक प्रसिद्ध कहानी है गैंग्रीन जो...

भूमंडलोत्तर कहानी – १७ ( पिता – राष्ट्रपिता : राकेश मिश्र ) : राकेश बिहारी

हिंदी कथा के अनूठे स्तम्भ ‘भूमंडलोत्तर कहानी’ के अंतर्गत कथा-आलोचक राकेश बिहारी पिछले तीन वर्षों से समकालीन कथा – साहित्य की विवेचना- विश्लेषण का कार्य  पूरी गम्भीरता से कर रहे...

भूमंडलोत्तर कहानी – १६ ( चोर – सिपाही : मो. आरिफ ) : राकेश बिहारी

युवा कथा आलोचक राकेश बिहारी के स्तम्भ ‘भूमंडलोत्तर कहानी विमर्श’ के अंतर्गत आपने- 1. ‘लापता नत्थू उर्फ दुनिया न माने’ (रवि बुले)2. ‘शिफ्ट+ कंट्रोल+आल्ट = डिलीट’ (आकांक्षा पारे)3.  ‘नाकोहस’(पुरुषोत्तम अग्रवाल)4. ‘अँगुरी में डसले बिया...

भूमंडलोत्तर कहानी – १५ (कफन रिमिक्स – पंकज मित्र) : राकेश बिहारी)

कथा-सम्राट प्रेमचंद की कालजयी कहानी ‘कफन’ उनकी अंतिम कहानी भी है. यह मूल रूप में उर्दू में लिखी गयी थी. ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया’की पत्रिका ‘जामिया’के दिसम्बर, १९३५ के अंक में...

भूमंडलोत्तर कहानी (१४) : मन्नत टेलर्स ( प्रज्ञा) : राकेश बिहारी

राकेश बिहारीसाहित्य का मूल कार्य यह है कि वह तमाम अच्छे–बुरे बदलावों के बीच और उनके तीक्ष्ण–तिक्त प्रभावों के मध्य आम आदमी के पास  आता-जाता रहता है. उन्हें देखता, परखता,...

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