साहित्य

दस्तंबू : सच्चिदानंद सिंह

दस्तंबू : सच्चिदानंद सिंह

महाकवि ग़ालिब का ‘दस्तंबू’ जिसे १८५७ के महाविद्रोह की डायरी कहा जाता है, अदब के लिहाज़ से मानीखेज़ तो है...

क़ातिल की बीबी: तरुण भटनागर

क़ातिल की बीबी: तरुण भटनागर

‘गुलमेहंदी की झाड़ियाँ’, ‘भूगोल के दरवाजे पर’, ‘जंगल में दर्पण’ (कहानी संग्रह), लौटती नहीं जो हंसी (उपन्यास) आदि के लेखक...

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