मुक्तिबोध के कवि और आलोचक पक्ष पर पर्याप्त चर्चा हुई है, हो रही है पर उनकी पत्रकारिता की खबर नहीं...
“महाभारत मात्र एक ऐतिहासिक महाकाव्य नहीं है. उसमे वर्तमान भी है. हम सबका वर्तमान. वर्तमान के गर्भ से भविष्य निकलता...
व्याख्यान सुनने (यहाँ पढने) का फायदा यह है कि आप एक बैठकी में ही व्याख्याता के वर्षों के अध्ययन, शोध...
हिंदी के श्रेष्ठ उपन्यासों में फणीश्वरनाथ रेणु का उपन्यास ‘मैला आँचल’ स्वीकृत है. १९५४ में प्रकाशित यह उपन्यास अपनी चेतना,...
महान जर्मन लेखक गुंटर ग्रास (१६ अक्तूबर १९२७-१३ अप्रैल २०१५) का भारत से गहरा रिश्ता था. उनकी विख्यात कृति ‘त्सुंगे...
प्रेम, प्रकृति और पुनर्वास का त्रिकोण राकेश बिहारी <!--> पुस्तक : हत्या की पावन...
बरीस पास्तेरनाक और अन्ना अख़्मातवा के समकालीन विद्रोही कवि ओसिप मन्देलश्ताम से हिंदी अल्प परिचित है. न केवल उनका लेखन...
अविनाश मिश्र अपने पद्य और गद्य दोनों से लगातार ध्यान खींच रहे हैं. उनके लिखे की प्रतीक्षा रहती है. उनकी...
भूमंडलोत्तर कहानी की विवेचना क्रम में इस बार आलोचक राकेश बिहारी ने जयश्री रॉय की कहानियों में ‘कायान्तर’ का चयन...
माधव हाड़ा की आलोचना पुस्तक ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ जो भक्तिकाल की कवयित्री मीरा बाई के जीवन और समाज...
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