कविता

आग से गुज़रती हवाएँ : उषा राय

उषा राय की लम्बी कविता ‘आग से गुज़रती हवाएं’ समकालीन भारत में स्त्रियों पर लगातार हो रहे हिंसक, बर्बर हमलों का सारांश है, अटूट सिलसिला सा बन गया है जैसे-...

सत्यपाल सहगल की कविताएँ

सत्यपाल सहगल की कविताएँ

पंजाब की मिट्टी का असर वहाँ की उगी कविताओं में है चाहे उसकी भाषा कोई भी हो. सत्यपाल सहगल की कविताएँ पढ़ते हुए यह अहसास बना रहता है. गहन उदासी...

के. मंजरी श्रीवास्तव की कविताएँ

के. मंजरी श्रीवास्तव की कविताएँ

के. मंजरी श्रीवास्तव की ये पाँचों कविताएँ सीधे-सीधे रंगमंच से जुड़ी हैं, रंग-प्रस्तुतियों के सम्मोहक अनुभव से अंकुरित ये पाँचों कविताएँ उनका विस्तार करती हैं. कलाओं के आपसी जुड़ाव का...

लोकेश मालती प्रकाश की कविताएँ

 ‘कई बार सुबह-सुबह घर से निकलते हैं और सड़क पर रात मिल जाती है.’   साहित्य में रात और दिन अपने प्रतीकात्मक अर्थों में ही अधिक प्रयुक्त होते हैं. ये...

जीवन के साठ वसंत: विमल कुमार

जीवन के साठ वसंत: विमल कुमार

"कवि जीवन भर प्रेम की खोज में लगा रहता है, यह एक तरह से जीवन की तलाश है. प्रेम केवल स्मृति भर नहीं है, उसका अर्थ व्यापक है. हमारा जीवन...

सूर्योदय सूक्त : विनय कुमार

‘चमकते प्रकाश में घुल-मिल गईं उषाएं’ऋग्वेद (मण्डल:१,सूक्ति:९२.२, अनुवाद-गोविन्द चंद्र पाण्डेय)   सूर्य और जल भारतीय संस्कृति के केंद्र में हैं. ऋग्वेद में सूर्योदय पर अद्भुत कविताएँ मिलती हैं. हिंदी में...

हरि मृदुल के दोहे

 दोहा ‘हिंदी’ का जातीय छंद है, जिस छंद में कबीर और बिहारी आदि महाकवि लिख चुके हों उसमें कुछ नया कहना और नये ढंग से कहना बहुत चुनौतीपूर्ण है. निदा...

दयाशंकर शरण की कविताएँ

चित्र : steve mccurry    हिंदी कविता में रिटायर्ड व्यक्ति की छवियां देखने को कम मिलती हैं. दयाशंकर शरण की इन कविताओं में इन्हें आप प्रमुखता से देख सकते  हैं,  पुराने...

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