समीक्षा

उत्तरायण (प्रचण्ड प्रवीर) : वागीश शुक्ल

आई. आई. टी. दिल्ली से रासायनिक अभियांत्रिकी में स्नातक प्रचण्ड प्रवीर हिंदी के बीहड़ लेखक हैं. उनकी कहानियों की बौद्धिक सघनता और शिल्प के नवाचार ने हिंदी कहानी को एक...

अम्बर में अबाबील (उदय प्रकाश) : संतोष अर्श

कथाकार कवि उदय प्रकाश का नया कविता संग्रह ‘अम्बर में अबाबील’ अभी-अभी वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. इस संग्रह की बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी. और युवा आलोचक संतोष...

परख : आलोचना के परिसर : मीना बुद्धिराजा

आलोचना के परिसर गोपेश्वर सिंहवाणी प्रकाशन, नयी दिल्लीप्रथम संस्करण-2019मूल्य- रू. 695आलोचक गोपेश्वर सिंह की \'आलोचना के परिसर\' पुस्तक इसी वर्ष वाणी प्रकाशन से छप कर आयी है. इस कृति को देख परख रहीं हैं...

परख: परस्पर: भाषा-साहित्य-आंदोलन (राजीव रंजन गिरि)

‘खड़ी बोली’ को राष्ट्र भाषा ‘हिंदी’ बनाने के लिए जहाँ लम्बा संघर्ष किया गया वहीं अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं के साथ उसके अंतर्विरोधों से भी भरसक लड़ा गया. उपनिवेश...

परख : योगफल (अरुण कमल) : मीना बुद्धिराजा

योगफलअरुण कमलवाणी प्रकाशन, नयी दिल्लीप्रथम संस्करण -2019मूल्य- रू. 295प्रसिद्ध हिंदी कवि अरुण कमल की २०११ से २०१८ के बीच लिखी गयी कविताओं का संग्रह ‘योगफल’ इस वर्ष वाणी प्रकाशन से...

लमही का हमारा कथा समय -१ : निशांत

लमही का स्त्री कथाकारों पर आधारित अंक \'हमारा कथा समय -१\' की चर्चा कर रहें हैं कवि निशांत. इस पत्रिका के संपादक हैं, विजय राय.           ...

केदारनाथ सिंह: क़ब्रिस्तान की पंचायत में सरपंच : संतोष अर्श

कवि केदारनाथ सिंह का गद्य ललित और रोचक है, उसमें जगह-जगह कविता दिख जाती है. ‘क़ब्रिस्तान में पंचायत’ में उनके आस-पास के लोग हैं, परिवेश है, बुद्ध हैं, कुशीनगर पर...

परख : पानी को सब याद था (अनामिका) : मीना बुद्धिराजा

पानी को सब याद था : अनामिकाप्रकाशक- राजकमल प्रकाशन, नई दिल्लीप्रथम संस्करण- 2019मूल्य- रू- 150वरिष्ठ कवयित्री अनामिका का नया कविता संग्रह ‘पानी को सब याद था’ इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन से...

परख : हिंदी आलोचना की सैद्धांतिकी (विनोद शाही) : अंकित नरवाल

हिंदी आलोचना की सैद्धांतिकी विनोद शाहीआधार प्रकाशन, पंचकूला (हरियाणा)मूल्य : 250 रुपएआचार्य रामचंद्र शुक्ल ‘ड्राइंग मास्टर’ थे, बाद में साहित्य के आलोचक हुए, विनोद शाही पेंटर हैं और आलोचक भी. रामचंद्र शुक्ल...

यक्षिणी (विनय कुमार) : अंचित

यक्षिणी (विनय कुमार) : अंचित

विनय कुमार का कविता संग्रह ‘यक्षिणी’ इसी साल राजकमल से छप कर आया है. यक्षिणी की खंडित मूर्ति को केंद्र में रखकर लिखी गयी यह काव्य-श्रृंखला, कविता के शिल्प में...

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