बातचीत

विनोद कुमार शुक्ल  से रवीन्द्र रुक्मिणी पंढरीनाथ की बातचीत

विनोद कुमार शुक्ल से रवीन्द्र रुक्मिणी पंढरीनाथ की बातचीत

विनोद कुमार शुक्ल से बातचीत करिए तो लगता है जैसे उनके किसी कथानायक से बात हो रही है. वैसी ही सहजता. स्पष्टता. निरलंकार जीवन. उनकी ख्याति दूसरी भारतीय भाषाओं में...

उदयन वाजपेयी से मनोज मोहन की बातचीत

उदयन वाजपेयी से मनोज मोहन की बातचीत

उदयन वाजपेयी लेखक के साथ-साथ संपादक भी हैं. ‘समास’ के प्रत्येक अंक में साहित्य, कला, सामाजिकी एवं दर्शन के किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से उनकी लम्बी बातचीत प्रकाशित होती है. यह...

बतकही: अजेय और आमिर हमज़ा

बतकही: अजेय और आमिर हमज़ा

सुदूर प्रक्षेत्रों में जहाँ पीठ और परम्पराएँ नहीं हैं. साहित्य किस तरह अंकुरित होता है, पनपता और पसरता है? इसे जानना हो तो आपको लाहुल-स्पीति के कवि अजेय और दिल्ली...

पीयूष दईया और प्रभात रंजन का क़िस्साग्राम पर एकाग्र संवाद

पीयूष दईया और प्रभात रंजन का क़िस्साग्राम पर एकाग्र संवाद

‘कोठागोई’ के प्रकाशन के नौ वर्ष बाद ‘क़िस्साग्राम’ शीर्षक से कथाकार-संपादक प्रभात रंजन का दूसरा उपन्यास राजपाल प्रकाशन से अभी जल्दी ही प्रकाशित हुआ है. इसे केंद्र में रखकर उनसे...

देवेंद्र सत्यार्थी से प्रकाश मनु की बातचीत

देवेंद्र सत्यार्थी से प्रकाश मनु की बातचीत

प्रख्यात समाजवैज्ञानिक श्यामाचरण दुबे ने देवेंद्र सत्यार्थी के लिए कहा था कि "लोगों को पता ही नहीं, कि उनके बीच कितना बड़ा आदमी रह रहा है, एकदम गुमशुदा की तरह...

पद्मिनी प्रसंग: विजय बहादुर सिंह और माधव हाड़ा

पद्मिनी प्रसंग: विजय बहादुर सिंह और माधव हाड़ा

साहित्य इतिहास में संवेदना का निवेश करता है. उसे समकालीन बनाने की उसकी कोशिश रहती है. इतिहास में रत्नसेन और पद्मावत के अस्तित्व को लेकर भले ही संशय हो. साहित्य...

विजयबहादुर सिंह और  माधव हाड़ा की बातचीत

विजयबहादुर सिंह और माधव हाड़ा की बातचीत

मध्यकालीन साहित्य और उसके इतिहास पर आधारित आलोचक माधव हाड़ा की इधर कई पुस्तकें और महत्वपूर्ण आलेख प्रकाशित हुए हैं. ‘पद्मिनी : इतिहास और कथा-काव्य की जुगलबंदी’ उनका शोध कार्य...

कथक नृत्यांगना पंखुड़ी से के. मंजरी श्रीवास्तव की बातचीत, 2023

कथक नृत्यांगना पंखुड़ी से के. मंजरी श्रीवास्तव की बातचीत, 2023

29 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है. नृत्य की स्वीकार्यता हिंदी क्षेत्रों में लगभग नहीं है. सजीव प्रस्तुतियों के अवसर भी शून्य हैं. कथा को देह की भंगिमाओं...

कुमार अम्बुज से अरुण देव की बातचीत

कुमार अम्बुज से अरुण देव की बातचीत

‘मज़ाक़’ कवि कुमार अम्बुज का दूसरा कहानी संग्रह है जिसे इसी साल ‘राजपाल एन्ड सन्ज़’ ने प्रकाशित किया है. 2008 में प्रकाशित पहले कहानी संग्रह पर टिप्पणी करते हुए विनोद...

ख़ालिद जावेद से रिज़वानुल हक़ की बातचीत

ख़ालिद जावेद से रिज़वानुल हक़ की बातचीत

हिंदी-उर्दू कथा-साहित्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने को रेखांकित करने का यह सही समय है. जहाँ गीतांजलि श्री को बुकर सम्मान तथा विनोद कुमार शुक्ल को पेन-नाबाकोव पुरस्कार मिला...

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