अनुवाद

दीवान-ए-जानवरी : अरुण खोपकर

दीवान-ए-जानवरी : अरुण खोपकर

अभिनेता, निर्देशक, सिने-विद्, लेखक और अनुवादक 79 वर्षीय अरुण खोपकर का जानवरों पर लिखा गया यह अंश अद्भुत और अनूठा है. पशुओं पर लेखन वैसे भी हिंदी और अन्य भारतीय...

एक संजीदा डिटेक्टिव-स्टोरी : असद मोहम्मद ख़ान

एक संजीदा डिटेक्टिव-स्टोरी : असद मोहम्मद ख़ान

किसी देश और उसके समाज का आईना देखना हो तो उर्दू के मशहूर कथाकार असद मोहम्मद ख़ान की कहानी ‘संजीदा डिटेक्टिव-स्टोरी’ अवश्य पढ़नी चाहिए. 1972 में प्रकाशित यह कहानी पाकिस्तान...

बोर्हेस के सान्निध्य में : जयप्रकाश सावंत

बोर्हेस के सान्निध्य में : जयप्रकाश सावंत

वरिष्ठ लेखक और अनुवादक जयप्रकाश सावंत ने स्पेनिश भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार बोर्हेस (1899–1986) के सान्निध्य और साहित्य पर कुछ इस तरह से लिखा है कि आधुनिक साहित्य का क्लासिक...

तसलीमा नसरीन की कविताएँ : अनुवाद: जयश्री पुरवार

तसलीमा नसरीन की कविताएँ : अनुवाद: जयश्री पुरवार

आज़ादी के बाद इस महाक्षेत्र में तानाशाही और धार्मिक कट्टरता के विरोध के कारण फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, अहमद फ़राज़ और तसलीमा नसरीन जैसे लेखकों को निर्वासन में रहना पड़ा. तसलीमा...

लुइज़ ग्लुक की कविताएँ : अनुवाद : योजना रावत

लुइज़ ग्लुक की कविताएँ : अनुवाद : योजना रावत

2020 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लुइज़ ग्लुक (1943-2023) की इन कविताओं में समय, स्मृति और अस्तित्व की जटिलताओं की गहनता है. बर्फ़, नदी, पेड़, समुद्र जैसे प्रतीक जीवन और...

शेल आस्किल्ड्सन : रिहाई का एक आकस्मिक पल : अभिषेक अग्रवाल

शेल आस्किल्ड्सन : रिहाई का एक आकस्मिक पल : अभिषेक अग्रवाल

नॉर्वेजियन लेखक शेल आस्किल्ड्सन (Kjell Askildsen, 1929–2021) की कहानी ‘A Sudden Liberating Thought’ का प्रकाशन एक घटना है. इसे न्यूनतम अस्तित्ववाद (Minimalist Existentialism) की प्रतिनिधि रचना माना जाता है. यह...

पहला एहतलाम : वसीम अहमद अलीमी

पहला एहतलाम : वसीम अहमद अलीमी

‘एहतलाम’ को हिंदी में ‘स्वप्नदोष’ कहा जाता है. लगभग हर मर्द इस दौर से गुज़रता ही है. लेकिन न जाने इसे ‘दोष’ क्यों कहा जाता है? समकालीन हिंदुस्तानी उर्दू कहानियाँ...

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