चित्त जेथा भयशून्य: रवीन्द्रनाथ टैगोर
विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचना– ‘चित्त जेथा भयशून्य’ का प्रकाशन जून-जुलाई १९०१ के आस-पास माना जाता है. यह बांगला में प्रकाशित 'गीतांजलि' में शामिल है पर अंग्रेजी के उस 'गीतांजलि'...
विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचना– ‘चित्त जेथा भयशून्य’ का प्रकाशन जून-जुलाई १९०१ के आस-पास माना जाता है. यह बांगला में प्रकाशित 'गीतांजलि' में शामिल है पर अंग्रेजी के उस 'गीतांजलि'...
Margaret Eleanor Atwood reading her book The Year of the Floodबुकर पुरस्कार से सम्मानित कवयित्री, कथाकार, आलोचक और पर्यावरण कार्यकर्ता मार्गरेट ऐटवुड (Margaret Eleanor Atwood, born November 18, 1939, ) की यह...
पेंटिग : Fenumon Joseph‘उसकी पहली उड़ान’ मशहूर आयरिश लेखक ‘Liam O\'Flaherty’ (28 August 1896–7 September 1984) की चर्चित कहानी ‘His First Flight’ का हिंदी अनुवाद है. यह कहानी एक पक्षी की...
José de Sousa Saramago (16 November 1922 – 18 June 2010) पुर्तगाली लेखक हैं. साहित्य के लिए उन्हें 1998 का नोबेल सम्मान प्राप्त है. उनकी कृतियों के लगभग सभी भाषाओँ...
कथाकार, नाटककार अन्तोन चेख़फ़ (29जनवरी1860-15जुलाई1904) पेशे से चिकित्सक थे. उन्हें विश्व के महानतम कथाकारों में गिना जाता है. ए ड्रीरी स्टोरी, द वाइफ (उपन्यास). अन्ना ऑन नेक, ए बैड बिजनेस, ए बलंडर, स्लीपि, स्माल...
कोर्ट ट्रायल में रेहानाईरानी युवती रेहाना जब्बारी को 25 अक्तूबर 2014 को फांसी दी गई थी. वह 19 साल की थी जब उन्हें हत्या के अभियोग में गिरफ़्तार किया गया था...
अर्जेंटीना के कवि, लेखक और अनुवादक ख़ोर्ख़े लुई बोर्खेज़ (Borges) स्पेनी (Spanish) साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रख्रते हैं. कहानी 'The Circular Ruins' (Las ruinas circulares) का प्रकाशन दिसम्बर १९४० में...
महान जर्मन लेखक गुंटर ग्रास (१६ अक्तूबर १९२७-१३ अप्रैल २०१५) का भारत से गहरा रिश्ता था. उनकी विख्यात कृति ‘त्सुंगे त्साइगेन’ (show your tongue) कोलकाता को केंद्र में रखकर रची...
बरीस पास्तेरनाक और अन्ना अख़्मातवा के समकालीन विद्रोही कवि ओसिप मन्देलश्ताम से हिंदी अल्प परिचित है. न केवल उनका लेखन बल्कि उनका जीवन भी सत्ता के लिए चुनौती बना रहा....
चिनुआ अचेबे (Chinua Achebe) अपने पहले उपन्यास ‘Things Fall Apart (1958)’ के कारण आधुनिक अफ्रीकी साहित्य में ख्यात हैं, इसके साथ ही अचेबे भाषा और साहित्य के अच्छे आलोचक भी...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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