नवनीता कानूनगो: रीनू तलवाड़
नवनीता कानूनगो, शिलांग से हैं. उनकी कविताएँ प्रतिष्ठित अंगेजी पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. निर्वासन की स्मृतियाँ और पहचान का संकट इन कविताओं में सघन रूप से अभिव्यक्त हुआ है. हिंदी...
नवनीता कानूनगो, शिलांग से हैं. उनकी कविताएँ प्रतिष्ठित अंगेजी पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. निर्वासन की स्मृतियाँ और पहचान का संकट इन कविताओं में सघन रूप से अभिव्यक्त हुआ है. हिंदी...
साहित्य के भविष्य पर आयोजित ‘बहसतलब – २’ की अगली कड़ी में डोनाल्ड हॉल का यह लेख प्रस्तुत है जो अमरीकी समाज में कविता के समाप्त होने की आशंका और...
गत ५जून को प्रसिद्ध अमेरिकी विज्ञान कथा लेखक रे ब्रेडबरी का निधन हो गया. उन्होंने सैकड़ों उपन्यास, कहानियों और नाटकों के साथ ही टेलीविजन और फिल्मों के लिए पटकथाएं भी...
फेर्नान्दो पस्सोआ (Fernando Pessoa) २० वीं सदी के आरम्भ के पुर्तगाली कवि, लेखक, समीक्षक व अनुवादक थे और दुनिया के महानतम कवियों में उनकी गिनती होती है. अपने पूरे जीवन...
भारतीत संस्कृति में मदनोत्सव की परम्परा है. साहित्य इस दिन प्रेम कविताओं का पुष्पहार धारण करता है. कविताएँ निज़ार क्ब्बानी की हों तो सुगंध और मिठास बढ़ जाती है. इन...
पोलैंड की कवयित्री जिन्हें साहित्य का १९९६ का नोबल पुरस्कार मिला, जिन्हें कविता का मोजार्ट कहा जाता है, और माना गया कि उनकी कविता बीथोवेन की ऊंचाई को छू लेती...
मनोचिकित्सक और क्रान्तिकारी दार्शनिक फ्रांज़ फेनन की १९६१ में फ्रेंच में प्रकाशित 'The Wretched of the Earth' की भूमिका जॉन पॉल सार्त्र ने लिखी थी. इसे अलजीरिया के फ्रेंच उपनिवेश से...
मुकुल दाहाल 28 मार्च ma=3/1969, नेपाल Swansea विश्वविद्यालय से रचनात्मक लेखन में एम. ए. Nosside International Poetry Prize से 2009 में सम्मानित Pen Himalaya (2003 - 2009) कविता प्रधान ई-पत्रिका...
विश्व प्रसिद्ध स्वीडिश कवि, लेखक अनुवादक टॉमस ट्रांसट्रोमर की कविताओं के ६० से अधिक भाषाओँ में अनुवाद हुए हैं. उनकी कविताएँ प्रकृति की ओर लौटती हैं. २०११ का साहित्य...
(गॉग की कृति)नीदरलैंड के विन्सेंट वॉन गॉग (30-3-1853/29-7-1890) 19 वीं शताब्दी के महानतम चित्रकार माने जाते हैं. उन्होंने 1881 से 1890 के बीच, लगभग 900 चित्र बनाए, 1100 ड्राइंग और स्केच का...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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