अन्यत्र : शरद ऋतु में सिट्जेज : सुषमा नैथानी
सुषमा नैथानी पेशे से वैज्ञानिक हैं, कविताएं लिखती हैं और घुमक्कड़ी में अथाह जिज्ञासा रखती हैं. स्पेन के सैलानी कस्बे सिट्जेज में वे कुछ दिन रहीं हैं. इस यात्रा से जुड़े...
सुषमा नैथानी पेशे से वैज्ञानिक हैं, कविताएं लिखती हैं और घुमक्कड़ी में अथाह जिज्ञासा रखती हैं. स्पेन के सैलानी कस्बे सिट्जेज में वे कुछ दिन रहीं हैं. इस यात्रा से जुड़े...
वरिष्ठ कथाकार सतीश जायसवाल साहित्य से जुड़े अपने अनूठे आयोजनों के लिए जाने जाते हैं. एक ऐसे समय में जब तड़क-भड़क वाले साहित्य-उत्सवों की भरमार है, वहाँ निरलंकार पर सुरुचिपूर्ण...
प्रसिद्ध चित्रकार और लेखक अखिलेश सोवियत (संघ, अब रूस) में १९९६ में भारत कला महोत्सव के आयोजन में शामिल हुए थे. ये संस्मरण उसी दौर के हैं. इसका पहला भाग...
अपर्णा मनोज पिछले दिनों महामल्ल्पुरम की यात्रा पर थीं और इस सफर को उन्होंने इस संस्मरण में सांस्कृतिक यात्रा में बदल दिया है. इस धरोहर के संचयन के अनके स्तरों...
कवि परमेश्वर फुंकवाल की सिक्किम यात्रा.
ख्यात आलोचक विचारक प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल ने देशी आधुनिकता पर अन्वेषण के सिलसिले में वोल्गा नदी के किनारे रूस के प्रसिद्ध शहर अस्त्राखान की यात्रा की. वहां १६ वी शताब्दी...
प्रसिद्ध कथाकार बटरोही हंगरी के बुदापैश्त में ३ वर्ष तक विजिटिंग प्रोफ़ेसर रहे. भारत की सभ्यता को लेकर उत्सुकता का एक स्थाई भाव शेष विश्व में रहा है. इसे समझने...
भारत में राष्ट्रवाद के उदय की एक धारा इस पर खासी आलोचनात्मक थी. प्रेमचंद ने इसे आधुनिक युग का कोढ़ माना है. राष्ट्र के परिक्षेत्र के बाहर शत्रुतापूर्ण अन्य की...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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