सेरेना विलियम्स : अख़बार का वह पहला आर्टिकल (अनुवाद – यादवेन्द्र)
१९८१ में जन्मी दुनिया की सबसे महान टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स कोई लेखक नहीं हैं- खेल में उनकी अप्रतिम उपलब्धियों का कोई सानी नहीं है. १४ साल की उम्र से प्रोफेशनल टेनिस खेल रही...
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१९८१ में जन्मी दुनिया की सबसे महान टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स कोई लेखक नहीं हैं- खेल में उनकी अप्रतिम उपलब्धियों का कोई सानी नहीं है. १४ साल की उम्र से प्रोफेशनल टेनिस खेल रही...
लगभग पन्द्रह वर्षों के अन्तराल में अनूप सेठी (२० जून, १९५८) का दूसरा कविता संग्रह ‘चौबारे पर एकालाप’इस वर्ष भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हुआ है. ‘जगत में मेला’ (२००२) उनका...
कविताएँ दरअसल अँधेरे में रौशन दीये हैं. अपनी मिट्टी से अंकुरित सौन्दर्य और विवेक की लौ. इसी संयमित प्रकाश में मनुष्यता लिखी गयी है. यह आलोक जहाँ-तहां आज भी बिखरा...
कविता पढ़ते हुए हाशिये पर हम उसका प्रभाव या कोई बात जो इस बीच अंकुरित हुई है लिखते चलते हैं. यह भी एक तरीका है संवाद का. वीरेन डंगवाल की...
(फोटो :साभार सहित H. C. Bresson)भारतीय समुदाय भी पुरुषवादी समुदाय है, जैसे दूसरे समुदायों ने अपनी गलतियों से सीखते हुए बेहतर, न्यायप्रिय और तार्किक समाज की स्थापना की है और...
(photo courtesy: NICK UT)निवेदिता रंगकर्मी, पत्रकार और एक्टिविस्ट के साथ-साथ कवयित्री भी हैं, उनके दो कविता संग्रह ‘ज़ख्म जितने थे’ और ‘प्रेम में डर’ प्रकाशित हैं. स्त्री मुद्दों पर वह...
उस्ताद अलाउद्दीन खां की बेटी अन्नपूर्णा के योग्य शिष्यों में हरिप्रसाद चौरसिया जैसे महान संगीतकार शामिल हैं. वह खुद सुर-बहार बजाती थीं. भारत-रत्न रविशंकर से उनका प्रेम विवाह हुआ था....
यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है. १९१८ से २०१८ के इन सौ वर्षों में छायावाद की कविताओं को लेकर शताधिक अकादमिक कार्य हुए हैं पर अभी भी बहुत कुछ ख़ास...
\'गाँव भीतर गाँव\' उपन्यास से चर्चित कथाकार सत्यनारायण पटेल का चौथा कहानी संग्रह \'तीतर फांद\' इस वर्ष आधार प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. इसमें उनकी सात कहानियाँ शामिल हैं.परख रहीं...
समानांतर फिल्मों के दौर में निम्नमध्यवर्गीय कथानकों को आधार बनाकर निर्मित यथार्थवादी सिनेमा पुरानी पीढ़ी के दर्शकों ने देखा है. आज मुख्यधारा की सिनेमा के बीच ‘ऑफ बीट’ सिनेमा ने...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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