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एकाग्र : मैनेजर पाण्डेय : मैनेजर पाण्डेय का जे.एन.यू.

परितोष मणि प्रोफ़ेसर मैनेज़र पाण्डेय जितने बड़े और सुलझे हुए आलोचक हैं उतने ही अच्छे अध्यापक भी. वास्तव में अच्छे शिक्षक का सबसे बड़ा गुण सिर्फ यही नहीं होता है की...

एकाग्र : मैनेजर पाण्डेय : पुखराज जांगिड से बातचीत

:: जन्म दिन की शुभकामनाएँ ::वरिष्ठ आलोचक मैनेजर पांडेय से पुखराज जाँगिड़ की बातचीतआपकी आलोचना अलग तरह की होती है. जैसे-साहित्य के समाजशास्त्र की भूमिका हिंदी आलोचना में भिन्न प्रकृति की...

मैं कहता आँखिन देखी : नरेश सक्सेना

16 जनवरी 1939, ग्वालियर, मध्यप्रदेश पेशे से इंजीनियरकविता संग्रह : समुद्र पर हो रही है बारिश (2001) आरम्भ, वर्ष, और छायानट नामक पत्रिकाओं का सम्पादन.हिन्दी साहित्य सम्मेलन सम्मान (1973),फ़िल्म-निर्देशन के...

सहजि सहजि गुन रमैं : मृत्युंजय

मृत्युंजय :: जन्म : ०४ जुलाई १९८१, आजमगढ़ (उत्तर-प्रदेश) कविताएँ, लेख और अनुवाद हिन्दी आलोचना में कैनन निर्माण पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शोध-कार्य हिन्दुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत में रूचि जन संस्कृति मंच से...

रीझि कर एक कहा प्रसंग : वीरेन डंगवाल

\"कविता एक प्रतिसंसार रचती है. जिसमें कई क्षतिपूर्तियां हैं और जो अपने समय का संधान भी करती है. उसमें भविष्य का स्वप्न निहित होता है. अपने समय को समझने की...

सहजि सहजि गुन रमैं : पुरुषोत्तम अग्रवाल

डॉ. पुरुषोत्तम अग्रवाल ::जन्म : २५ अगस्त, १९५५, ग्वालियर उच्च शिक्षा जे.एन.यू से महत्वपूर्ण आलोचक – विचारक कुछ कविताएँ भीनाटक, वृत्तचित्र और फिल्मों में दिलचस्पीसंस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध, तीसरा...

सहजि सहजि गुन रमैं : लीना मल्होत्रा राव

लीना मल्होत्रा राव :जन्म : ३ अक्टूबर १९६८, गुडगाँव कविताएँ, लेख पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशितनाट्य लेखन, रंगमंच अभिनय, फिल्मों और धारावाहिकों के लिए स्क्रिप्ट लेखनविजय तेंदुलकर, लेख टंडन, नरेश मल्होत्रा. सचिन...

परख और परिप्रेक्ष्य : हृषीकेश सुलभ

     हृषीकेश सुलभ  से वंदना शुक्ला की बातचीत    रंगमंच के क्षेत्र में आज कुछ विसंगतियाँ दिखाई दे रही हैं, पिछले कुछ वर्षों से हिंदी नाटकों के लेखन में...

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