पुरुषोत्तम अग्रवाल की आलोचना दृष्टि : आनंद पांडेय
आज जब पुरुषोत्तम अग्रवाल सत्तर वर्ष के हो चुके हैं, उन्हें याद करना अपने प्रिय शिक्षक, मित्र और मार्गदर्शक को ...
Home » पुरुषोत्तम अग्रवाल
आज जब पुरुषोत्तम अग्रवाल सत्तर वर्ष के हो चुके हैं, उन्हें याद करना अपने प्रिय शिक्षक, मित्र और मार्गदर्शक को ...
श्यामसुन्दर दास द्वारा संपादित और नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा 1928 में प्रकाशित ‘कबीर ग्रन्थावली’ का परिमार्जित पाठ विख्यात आलोचक-लेखक पुरुषोत्तम ...
पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी 'नाकोहस' पर राकेश बिहारी का आलेख- 'कहानी कहने की दुविधा और मजबूरी के बीच' आपने पढ़ा. अपने आलोचनात्मक ...
कहानी कहने की दुविधा और मजबूरी के बीच...(संदर्भ : पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी ‘नाकोहस’) राकेश बिहारी वरिष्ठ आलोचक और नवोदित कथाकार ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum