2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार: त्रिभुवन
साहित्य के नोबेल पुरस्कार की प्रतीक्षा पूरी दुनिया करती है, और हिंदी साहित्य तो इसकी प्रतीक्षा 1913 से ही कर ...
साहित्य के नोबेल पुरस्कार की प्रतीक्षा पूरी दुनिया करती है, और हिंदी साहित्य तो इसकी प्रतीक्षा 1913 से ही कर ...
जहाँ शिक्षा और आलोचनात्मक सोच को पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं मिलता, वहाँ पर्यावरणीय ही नहीं, बौद्धिक प्रदूषण भी समान गति से ...
किसी देश और उसके समाज का आईना देखना हो तो उर्दू के मशहूर कथाकार असद मोहम्मद ख़ान की कहानी ‘संजीदा ...
गांधी की आलोचना की जा सकती है, लेकिन उनसे प्यार करना नहीं छोड़ा जा सकता. ऐसा व्यक्ति सभ्यता का अर्जित ...
भारत के स्वाधीनता संग्राम के केन्द्रीय पुरुष महात्मा गांधी के चिंतन में राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और स्वदेशी जैसी अवधारणाएँ आरंभ से ...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 156वीं जयंती है और पूरी दुनिया उनकी स्मृति में ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ मना रही है. ...
पुराणों की कथा कहने का अधिकार किसके पास है, यह विषय हाल के दिनों में चर्चा में था. क्या इस ...
क्रिकेट मैच तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन उन पर लिखी कविताएँ शायद ही पढ़ी हों. जावेद आलम ख़ान की ...
जापान में दाजाया ओसामू (1909–1948) की कब्र पर हर वर्ष 19 जून को लोग एकत्र होते हैं. उत्सव मनाते हैं. ...
महान अकीरा कुरोसावा की 1952 की क्लासिक फ़िल्म इकिरू (Ikiru) मनुष्य के अस्तित्व और उसकी सार्थकता के प्रश्न को बेहद ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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