सैयद हैदर रज़ा : पवन करण
रज़ा की कलाकृतियों को देखना ही नहीं, उनके बारे में पढ़ना भी सम्मोहक अनुभव है. यशोधरा डालमिया की ‘सैयद हैदर ...
रज़ा की कलाकृतियों को देखना ही नहीं, उनके बारे में पढ़ना भी सम्मोहक अनुभव है. यशोधरा डालमिया की ‘सैयद हैदर ...
ऋत्विक घटक (1925–1976) की जन्मशती के अवसर पर आलोचक रविभूषण का आलेख आप यहीं पढ़ चुके हैं. निर्देशक–लेखक अरुण खोपकर ...
2018 में प्रकाशित गीतांजलि श्री के पाँचवें उपन्यास ‘रेत-समाधि’ के डेज़ी रॉकवेल द्वारा किए गए अंग्रेज़ी अनुवाद ‘Tomb of Sand’ ...
नदियाँ सभ्यता की बसाहट का आधार रही हैं. जल ने केवल जीवन ही नहीं, संस्कृति को भी सींचा है. रामशंकर ...
1912 से शिकागो से प्रकाशित हो रही ‘पोएट्री’ नामक पत्रिका का निरंतर प्रकाशन किसी चमत्कार से कम नहीं है. यह ...
भौतिक संसाधनों पर कब्ज़े की होड़ ने साम्राज्यवाद को जन्म दिया. नतीजतन, अनेक देश उसकी चपेट में आकर गुलाम बने. ...
जीविका के लिए श्रम करना केवल मनुष्य की ही नहीं, प्रत्येक प्राणी की मूल प्रवृत्ति है. भारतीय सभ्यता संभवतः एकमात्र ...
कविता में सौन्दर्य कहाँ से झरता है और अर्थ कहाँ से फूटता है, यह कहा नहीं जा सकता. कभी वह ...
साहित्य के लिए भाषा का सौंदर्य जितना महत्त्वपूर्ण है, उतनी ही उसकी वह कारीगरी भी, जिससे वह जीवन के सुख-दुख, ...
यह जानकर विस्मय होता है कि नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना 1893 में बाबू श्यामसुंदर दास ने शिवकुमार सिंह और ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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