21वीं सदी की समलैंगिक कहानियाँ: पहचान और परख: अंजली देशपांडे
२१वीं सदी की हिंदी की समलैंगिक कहानियों की गहरी पड़ताल करते हुए लेखिका अंजली देशपांडे ने एलजीबीटीक्यू विमर्श को इस ...
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२१वीं सदी की हिंदी की समलैंगिक कहानियों की गहरी पड़ताल करते हुए लेखिका अंजली देशपांडे ने एलजीबीटीक्यू विमर्श को इस ...
हिंदी की नयी पीढ़ी के कथाकार के रूप में किंशुक गुप्ता इधर उभर कर सामने आयें हैं. पेशे से चिकित्सक ...
वाणी प्रकाशन से २०२१ में प्रियंका नारायण की पुस्तक ‘किन्नर: सेक्स और सामाजिक स्वीकार्यता’ प्रकाशित हुई है. प्रियंका ने किन्नरों ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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