21वीं सदी की समलैंगिक कहानियाँ: पहचान और परख: अंजली देशपांडे
२१वीं सदी की हिंदी की समलैंगिक कहानियों की गहरी पड़ताल करते हुए लेखिका अंजली देशपांडे ने एलजीबीटीक्यू विमर्श को इस ...
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२१वीं सदी की हिंदी की समलैंगिक कहानियों की गहरी पड़ताल करते हुए लेखिका अंजली देशपांडे ने एलजीबीटीक्यू विमर्श को इस ...
‘पानी से न लिखना पत्थर पे कोई नाम’ (अनुराधा सिंह), ‘ठेकेदार की आत्मकथा’ (आकांक्षा पारे काशिव) तथा ‘रहस्यों के खुरदुरे ...
भूमंडलोत्तर कहानी - क्रम में इस बार कथा - समीक्षक आलोचक राकेश बिहारी ने विवेचन - विश्लेषण के लिए हंस ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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