नागरी प्रचारिणी सभा: उमस के बीच इंद्रधनुष: विनोद तिवारी
साहित्य की दुनिया में संस्थाओं का बहुत महत्व होता है. हिंदी भाषा और उसके साहित्य में ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ की ...
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साहित्य की दुनिया में संस्थाओं का बहुत महत्व होता है. हिंदी भाषा और उसके साहित्य में ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ की ...
महामारियां व्यवस्था की आपराधिक ख़ामियों को कत्ल-ए-आम मचाकर डरावने ढंग से उजागर करती हैं, यह मनुष्य की लोभ और ...
मनुष्य की जो सभ्यता विकसित हुई उसमें किसी नियंता की कल्पना लगभग सार्वभौम है, उसे सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी भी होना ...
महाकवि निराला ने कविताओं के साथ-साथ कहानियाँ और उपन्यास भी लिखे हैं, उनके साहित्य को समग्रता में देखते हुए रजनी ...
‘छबीला रंगबाज़ का शहर’ और ‘वास्कोडिगामा की साइकिल’ के लेखक प्रवीण कुमार की कहानियों में बनते हुए शहर और बिगड़ते ...
(केदार जी का चित्र कवि अनिल त्रिपाठी के फेसबुक दीवार से आभार सहित) आज कवि केदारनाथ सिंह (७ जुलाई १९३4 – ...
पत्रकार अरविंद दास हिंदी में मीडिया के सरोकारों को समझने और उसपर लिखने वाले लेखक हैं. ‘अनुज्ञा बुक्स’ से उनकी ...
हिन्दी में साहित्य अकादमी पुरस्कार अनामिका को उनके कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगंत- थेरी गाथा: 2014’ के लिए दिया गया ...
कृषि कानूनों में बदलाव और सुधार के लिए प्रारम्भ होने वाला किसान आंदोलन धीरे-धीरे अपना अखिल भारतीय स्वरूप ग्रहण करता ...
कवि-कथाकार जितेन्द्र कुमार (1936-2006) को हम लोग लगभग भूल ही चुके हैं. उनका जीवन, कविताएँ और कथा-साहित्य सब लीक से ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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