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समीर ताँती (সমীৰ তাঁতী)
हमय, आहि आसों मोलइ बाट सोवा
समय,आ रहा हूँ,इंतजार करो मेरा
असमिया से अनुवाद : शिव किशोर तिवारी
दुर्गम गिरि-कंदरा से,
ओठों पर हरियाली का गाढ़ा नशा,
उस अनाम प्यास की बात भी जानता हूँ,
माँ की आँखों के आँसू पोछ
(5)
धुंध से ढका झरना
मशीनों का तत्त्वज्ञान
आँधी की आदिकथा
गणित की बुनियाद
अक्षरों का नक्षत्र मंडल.
उनमें ब्रह्मांड का स्पर्श है,
ममता की वृष्टि है,
फसलों की मादकता है.
मेरी माँ,
मेरी जन्म की दु:खियारी माँ,
कौन माँ को दे सकता है विषाद अब ?
मैं आ रहा हूँ
हजार सदियों को समेट
शाम के पहले-पहले.
इस मिट्टी की साधना करो,
शब्द के अश्व पर सवार
हिंदी, असमिया, बंगला, संस्कृत, अंग्रेजी, सिलहटी और भोजपुरी आदि भाषाओँ से अनुवाद और लेखन.
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