lekhak: अंचित

असहमति- 2 : कविताएँ

असहमति- 2 : कविताएँ

असमति के इस दूसरे अंक में विनोद दास, लीलाधर मंडलोई, नवल शुक्ल, सविता सिंह, पवन करण, प्रभात, केशव तिवारी, प्रभात ...

अंचित की सात कविताएं

अंचित की सात कविताएं

‘वही जो अदाकारा थी, जो नर्तकी थी, और कवि भी /वही तुम्हारी मृत्यु थी.’  अंचित की ये कविताएँ उनकी पूर्व की कविताओं ...

अंचित की प्रेम कविताएँ

अंचित की प्रेम कविताएँ

जिसे आज हम प्रेम दिवस कहते हैं, कभी वह वसंतोत्सव/मदनोत्सव के रूप में इस देश में मनाया जाता था. स्त्री-पुरुष ...

अंचित की कविताएँ

 कालजयी रचनाकार काल को इसीलिए जीत लेते हैं कि उनसे हमेशा अंकुर फूटते रहते हैं, उनमें यह संभावना रहती है. ...