गणपत्या की गजब गोष्ठी : अम्बर पाण्डेय
अम्बर पाण्डेय की कविताएँ और कहानियाँ आपने पढ़ी हैं, इधर वह उपन्यास लिख रहें हैं. इस उपन्यास का नायक एक ...
अम्बर पाण्डेय की कविताएँ और कहानियाँ आपने पढ़ी हैं, इधर वह उपन्यास लिख रहें हैं. इस उपन्यास का नायक एक ...
अम्बर पाण्डेय की यह तीसरी कहानी है, इसका कथ्य और शिल्प दोनों पिछली कहानियों से अलग है. लम्बे और जटिल ...
अम्बर पाण्डेय की कहानी ‘४७१४ नहीं बल्कि ४७११’ एक माह पूर्व समालोचन पर प्रकाशित हुई थी, अब उनकी दूसरी कहानी ...
अम्बर पाण्डेय के कवि से हम सब परिचित हैं. अब कथाकार अम्बर पाण्डेय अपनी कहानी– ‘४७१४ नहीं बल्कि ४७११’ के ...
समकालीन महत्वपूर्ण कवियों पर आधारित स्तम्भ ‘मैं और मेरी कविताएँ’ के अंतर्गत ‘आशुतोष दुबे’, ‘अनिरुद्ध उमट’, ‘रुस्तम’ और कृष्ण कल्पित ...
सदी (२१ वीं) की हिंदी कविता पर यह आरोप बार-बार दुहराया जाता रहा कि इनमें अधिकतर पिछली सदी के कवियों ...
जबकि समय जटिलतर होता जा रहा है, कलाओं से हम एक आयामी होने की जिद्द ठान बैठे हैं. बस एकबार ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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