विनोद कुमार शुक्ल: गिरिराज किराड़ू
भाष्य के अंतर्गत समालोचन महत्वपूर्ण रचनाओं का पुनर्पाठ प्रस्तुत करता है, जिसमें आपने अब तक- निराला, मुक्तिबोध, शमशेर बहादुर सिंह, ...
भाष्य के अंतर्गत समालोचन महत्वपूर्ण रचनाओं का पुनर्पाठ प्रस्तुत करता है, जिसमें आपने अब तक- निराला, मुक्तिबोध, शमशेर बहादुर सिंह, ...
गिरिराज किराडू की कुछ नई कविताएँ पहली बात तो यह है कि गिरिराज की कविताओं का हिंदी में कोई पूर्वज ...
गिरिराज किराडू : १५ मार्च १९७५, बीकानेर राजस्थानलेखक, संपादक और अब प्रकाशक भीप्रतिष्ठित पत्र – पत्रिकाओं में कविताएँ,लेख अनुवाद आदिउर्दू, मराठी, ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum