कौंध : नरेश गोस्वामी
आकार में छोटी कहानी कैसे बड़ी हो सकती है, नरेश गोस्वामी की कहानी ‘कौंध’ इसका अच्छा उदाहरण है. इसके विस्तार ...
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हिमा कौल पीड़ा, अभाव और जिजीविषा की मूर्तियाँ बनाती रहीं. उनका ख़ुद का जीवन भी किसी शोकगीत से कम नहीं. ...
वरिष्ठ कथाकार अशोक अग्रवाल की प्रकृति से मनुष्य के एकात्म पर आधारित चार कहानियों पर समाज विज्ञानी और कथाकार नरेश ...
औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति के सवाल से भारत अपनी आज़ादी के संघर्ष से ही जूझता रहा है. इसका एक सिरा ...
2022 की श्रेष्ठ पुस्तकें कौन-कौन सी हैं? इससे सार्थक मुझे यह लगा कि 2022 में किन किताबों को पढ़ा गया ...
भारतीय ज्ञान परम्परा से संवाद का प्रतिफल है प्रसिद्ध राजनीतिक शास्त्री मणीन्द्र नाथ ठाकुर की पुस्तक ‘ज्ञान की राजनीति: समाज ...
गरिमा श्रीवास्तव की क्रोएशिया प्रवास-डायरी ‘देह ही देश’ जब से प्रकाशित हुई है, चर्चा में है, बड़े स्तर पर इसने ...
कावड़-यात्रा इधर सबसे तेजी से उभरता हुआ धार्मिक आयोजन है, देखते-देखते ही इसने ख़ासकर पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में बड़े धार्मिक जुलूस ...
‘छबीला रंगबाज़ का शहर’ और ‘वास्कोडिगामा की साइकिल’ के लेखक प्रवीण कुमार की कहानियों में बनते हुए शहर और बिगड़ते ...
उत्तर औपनिवेशिकता और सबाल्टर्न अध्ययन से संबद्ध सुदीप्त कविराज दक्षिण एशियाई राजनीति और बौद्धिक इतिहास के विशेषज्ञ हैं, सम्प्रति कोलम्बिया ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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