lekhak: नामवर सिंह

नामवर के होने न होने के बीच

नामवर के होने न होने के बीच

भारतीय भाषाओँ में हिंदी आलोचना प्रभावशाली और विद्वतापूर्ण नामवर सिंह की वजह से है. आलोचना को अपने समय के साहित्य-सिद्धांत, ...

‘अंग्रेजी ढंग का नावेल’ और भारतीय उपन्यास: नामवर सिंह

‘अंग्रेजी ढंग का नावेल’ और भारतीय उपन्यास: नामवर सिंह

प्रेमचन्द साहित्य संस्थान गोरखपुर से संपादक केदारनाथ सिंह और सह संपादक सदानंद शाही द्वारा 'साखी' पत्रिका का प्रवेशांक अक्तूबर-दिसम्बर,१९९२ में ...