कमाल ख़ान: प्रीति चौधरी
हर अच्छे इंसान का एक घर होता है चाहे वह बे-घर ही क्यों न हो जहाँ से उसे अच्छे बने ...
हर अच्छे इंसान का एक घर होता है चाहे वह बे-घर ही क्यों न हो जहाँ से उसे अच्छे बने ...
‘खेला’ कथाकार नीलाक्षी सिंह का दूसरा उपन्यास है जिसे सेतु प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. कच्चे तेल की राजनीति से ...
मध्य-पूर्व के देशों में स्त्रियों की बराबरी के लिए संघर्ष में इधर ‘मनाल अल-शरीफ’ की चर्चा होती रही है. स्त्रियाँ ...
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ सरकारों की तानाशाही के ख़िलाफ़ अब प्रतीक बन चुके हैं, जहाँ-जहाँ भी ज़ुल्म व सितम होते हैं उनकी ...
ईरान की मसीह अलीनेजाद आज इस्लामिक देशों में स्त्री की आज़ादी के संघर्ष की प्रतीक हैं. उनके इस अभियान को ...
कविताएँ अपनी जमीन से अंकुरित हों तो उनमें जीवन रहता है, अपने परिवेश से जुड़ कर उनमें स्थानीयता का यथार्थ-बोध, ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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