पंजाबी दलित कहानी : बजरंग बिहारी तिवारी
बजरंग बिहारी तिवारी वर्षों से भारतीय भाषाओं के दलित साहित्य पर कार्य कर रहे हैं. यह आलेख पंजाबी की दलित ...
बजरंग बिहारी तिवारी वर्षों से भारतीय भाषाओं के दलित साहित्य पर कार्य कर रहे हैं. यह आलेख पंजाबी की दलित ...
आलोचक बजरंग बिहारी तिवारी हिंदी ही नहीं भारत की अन्य प्रमुख भाषाओं के दलित साहित्य पर वर्षों से लिखते आ ...
तमिल साहित्य के पांच महान महाकाव्यों में से एक ‘सीलप्पदिकारम्’ के रचनाकार इलंगो अडिहल चोल साम्राज्य से जुड़े समझे जाते ...
अखिलेश के चार कहानी संग्रह, दो उपन्यास और सृजनात्मक गद्य की दो पुस्तकें प्रकाशित हैं. उनकी कहानियों में दलित जीवन ...
बुद्धिजीवी की एक विशेषता यह भी होती है कि वह समकालीन समस्याओं को अतीत से जोड़ कर समझने का प्रयास ...
भक्तिकाल के कवियों का समूह विरक्त लोगों का नहीं था, धर्म के राजनीतिक आशय को वे लोग ख़ूब समझते थे. ...
नवारुण प्रकाशनसी- 303 जनसत्ता अपार्टमेंट्स सेक्टर -9गाज़ियाबाद बजरंग बिहारी तिवारी आलोचना में शोध के महत्व को समझने वाले आलोचकों में हैं. ...
महान सुधारक सावित्रीबाई फुले कवयित्री भी थीं. उनके मराठी में दो संग्रह प्रकाशित हुए- ‘काव्यफुले’ (१८५४) तथा ‘बावन्नकशी सुबोधरत्नाकर’ (१८९१).‘क्रांतिज्योति’ ...
हिंदी का दलित साहित्य अब कलमी पौधा न होकर एक भरा पूरा वृक्ष है. सिर्फ आत्मकथाएं नहीं, उपन्यास, कहानी, कविता, ...
By The News Minuteआधुनिक दलित साहित्य की पहली दस्तक कविता के माध्यम से सुनी गयी, १९१४ में ‘सरस्वती’ में हीरा ...
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