कथा-गाथा : तमाशा (अफसर अहमद) : शिव किशोर तिवारी
अफसर अहमद बांग्ला भाषा के मशहूर कथाकार हैं. मृणाल सेन की फ़िल्म ‘आमार भुबोन’ उनके ही उपन्यास ‘धानज्योत्स्ना’ पर आधारित ...
अफसर अहमद बांग्ला भाषा के मशहूर कथाकार हैं. मृणाल सेन की फ़िल्म ‘आमार भुबोन’ उनके ही उपन्यास ‘धानज्योत्स्ना’ पर आधारित ...
कवि विष्णु खरे की कविताओं में ‘लड़कियों के बाप’ कविता का ख़ास महत्व है, यह हिंदी की कुछ बेहतरीन कविताओं ...
कहते हैं वाल्टर वेन्यामिन सिर्फ उद्धरणों द्वारा ही एक किताब लिखना चाहते थे. कृष्ण कल्पित ‘विरचित’ कविता–रहस्य (New Criticism उर्फ़ ...
देखते-देखते हम सबके प्रिय मंगलेश डबराल ७० साल के हो गए. अगर कवि अपनी लिखी जा रही कविताओं में ज़िन्दा ...
कविताएँ हमेशा की तरह खूब लिखी जा रही हैं, तमाम माध्यमों से उनके प्रकाशन की बहुलता २१ वीं सदी की ...
शिव किशोर तिवारी (१६ अप्रैल १९४७) का कविता की दुनिया में आगमन किसी घटना की तरह अचानक से हुआ है. ...
हमारे आस –पास हमारी अपनी भाषाओँ में कितना कुछ लिखा जा रहा है, हिंदी को सबकी खोज खबर रखनी चाहिए. ...
बांग्ला कविताओं की अपनी जमीन है, उस में आदिम मनुष्यता की बची हुई जो महक है, प्रेम की लरजती हुई ...
समालोचन में भारतीय भाषाओँ के कवियों का हिंदी अनुवाद आप पढ़ते रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले मराठी के युवा ...
समीर तांती असमिया भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं, उनकी कुछ कविताओं का असमिया से सीधे हिंदी में अनुवाद शिव किशोर ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum