अष्टभुजा शुक्ल की कविताओं में दाम्पत्य प्रेम: सदाशिव श्रोत्रिय
कवि अष्टभुजा शुक्ल की दाम्पत्य- प्रेम की कविता- ‘आज की रात’ और ‘बहुत बेचैन हिया’ जिनके प्रकाशन में लगभग एक ...
कवि अष्टभुजा शुक्ल की दाम्पत्य- प्रेम की कविता- ‘आज की रात’ और ‘बहुत बेचैन हिया’ जिनके प्रकाशन में लगभग एक ...
अज्ञेय की लंबी कविता ‘ओ नि:संग ममेतर’ की तरफ ध्यान कम गया है और उसकी चर्चा भी नहीं दिखती है. ...
गजानन माधव मुक्तिबोध (१३ नवम्बर,१९१७ – ११ सितम्बर,१९६४) की लम्बी कविताओं में ‘ अँधेरे में’, ‘ब्रह्मराक्षस’ आदि की चर्चा होती ...
By Matteo Baroni‘हो चुकी जब ख़त्म अपनी जिंदगी की दास्ताँउनकी फ़रमाइश हुई है, इसको दोबारा कहें.’ (शमशेर)प्रेम की तीव्रता, सघनता ...
सदाशिव श्रोत्रिय ने ‘श्रेष्ठ काव्य के प्रति पाठकों की बढती अरुचि और घटती समझ को देखते हुए’ अपनी पसंद की ...
राजकमल से प्रकाशित बद्री नारायण के नवीनतम कविता संग्रह \'तुमड़ी के शब्द\' की समीक्षा सदाशिव श्रोत्रिय कर रहें हैं. बद्री नारायणतुमड़ी ...
प्रभात की कविताओं पर लिखते हुए अरुण कमल ने माना है कि ‘यह हिंदी कविता की उंचाई भी है और ...
(आभार : मनीष गुप्ता)समालोचन का ‘भाष्य’ कृतियों की व्याख्या, पुनर्व्याख्या, पुर्नमूल्यांकन आदि का स्तम्भ है. हिंदी कविता को समझने के ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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