नवजागरण के परिसर में बग़ावत और वफ़ादारी : सुरेश कुमार
समकालीन सामाजिक-राजनीतिक संघर्षों की जड़ें औपनिवेशिक काल में फैली मिलेंगी. आज को समझने के लिए ‘नवजागरण काल’ को गहराई से ...
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हिंदी साहित्य के इतिहास-लेखन की परम्परा फ्रेंच भाषा के गार्सां द तासी के ‘इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदूई ऐ ऐंदूस्तानी ...
हिंदी भाषा और साहित्य के विकास और प्रसार में ‘नागरी प्रचारिणी सभा, काशी’ की केन्द्रीय भूमिका रही है. इसकी स्थापना ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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