अपने-अपने रहीम: हरीश त्रिवेदी
रहीम (17 दिसम्बर, 1556 – 1 अक्तूबर, 1627) को हिंदी पढ़ने वाले उनके नीति के दोहों के कारण जानते हैं ...
रहीम (17 दिसम्बर, 1556 – 1 अक्तूबर, 1627) को हिंदी पढ़ने वाले उनके नीति के दोहों के कारण जानते हैं ...
विश्व प्रसिद्ध आलोचक-अनुवादक हरीश त्रिवेदी का हिंदी साहित्य से गहरा नाता रहा है, वह हिंदी में भी लिखते रहें हैं. ...
प्रो. हरीश त्रिवेदी हिंदी में लिखते रहें हैं पर ये कविताएँ छात्र-जीवन के बाद अब लिखी गयीं हैं और समालोचन ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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