आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा : प्रेमकुमार मणि
बांग्ला देश में अभी जो कुछ हुआ है उससे बरबस ही गरिमा श्रीवास्तव के उपन्यास ‘आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा’ की ...
बांग्ला देश में अभी जो कुछ हुआ है उससे बरबस ही गरिमा श्रीवास्तव के उपन्यास ‘आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा’ की ...
प्रेमचंद की कहानियों में ‘शतरंज के खिलाड़ी’ और ‘कफ़न’ का अपना ख़ास स्थान है. एक को जहाँ देशी रियासतों के ...
प्रेमचंद की परम्परा क्या है और उनकी परम्परा का किस तरह विकास हुआ है. यह ऐसा विषय है जिसपर लगातार ...
रेणु की ख्याति में उनके उपन्यास ‘मैला आँचल’ और उनकी कुछ कहानियों की केन्द्रीय भूमिका है. मैला आँचल के समानांतर ...
सौ साल पहले आज ही के दिन फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म जिला पूर्णिया के गाँव औराही हिंगना में हुआ था. ...
आलोचक रविभूषण का मानना है कि रणेन्द्र का उपन्यास ‘गूँगी रुलाई का कोरस’ गहन अध्ययन, श्रम-अध्यवसाय से लिखा गया एक ...
‘वापसी’ जैसी कालजयी कहानियों के अलावा ‘पचपन खंभे लाल दीवारें’, ‘रुकोगी नहीं राधिका’, ‘शेषयात्रा, ‘अंतर्वंशी’,‘भया कबीर उदास’, ‘नदी’, \'अल्पविराम\' आदि ...
गोस्वामी तुलसीदास के इर्द-गिर्द भक्ति/धर्म/अस्मिता का ऐसा प्रभा मंडल तैयार किया गया है कि कवि तुलसी अलक्षित रह जाते हैं. ...
यह फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म शताब्दी वर्ष है, रेणु के लेखन के विविध आयामों को समझने के प्रयास हो रहें ...
वरिष्ठ लेखक प्रेमकुमार मणि ने ‘दिनमान’ से पत्रकारिता की शुरुआत की थी, फिर सृजनात्मक लेखन की तरफ मुड गए. अब ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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