2024 : इस साल किताबें
‘2024 : इस साल किताबें’ का यह तीसरा हिस्सा है. इसके पहले हिस्से में आपने महत्वपूर्ण रचनाकारों मृदुला गर्ग, हरीश ...
‘2024 : इस साल किताबें’ का यह तीसरा हिस्सा है. इसके पहले हिस्से में आपने महत्वपूर्ण रचनाकारों मृदुला गर्ग, हरीश ...
प्रकाशन व्यवसाय है. साहित्य का प्रकाशन भी व्यवसाय ही है. ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि पाठकों की ...
हिंदी की एकमात्र यहूदी लेखिका शीला रोहेकर का चौथा उपन्यास ‘पल्लीपार’ सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. इससे पहले उनके ...
राजेन्द्र यादव की चर्चित कहानी ‘हासिल’ और उनके विवादास्पद आलेख ‘होना/सोना एक खूबसूरत दुश्मन के साथ’ के बीच क्या सम्बन्ध ...
2022 की श्रेष्ठ पुस्तकें कौन-कौन सी हैं? इससे सार्थक मुझे यह लगा कि 2022 में किन किताबों को पढ़ा गया ...
कथाकार-आलोचक राकेश बिहारी की इस सदी की कहानियों की विवेचना की श्रृंखला ‘भूमंडलोत्तर कहानी’ समालोचन पर छपी और यह क़िताब ...
नई सदी के हिंदी उपन्यासों की अर्थवत्ता और सार्थकता के आकलन के स्तम्भ ‘आख्यान-प्रतिआख्यान’ की इस दूसरी कड़ी में युवा ...
‘समयांतर’ के संपादक पंकज बिष्ट (जन्म : २० फरवरी, १९४६) का आज ७५ वां जन्म दिन है. पांच दशकों की ...
यूरोप में राष्ट्र राज्य-और उपन्यासों का उदय साथ-साथ हुआ, लोकतंत्रात्मक समाज की ही तरह उपन्यासों में भी तरह-तरह के पात्र ...
आलोचक और कथाकार राकेश बिहारी के स्तम्भ ‘भूमंडलोत्तर कहानी’ का समापन वन्दना राग की कहानी ‘ख़यालनामा’ की विवेचना से हो ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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