गोठ में बाघ: शचीन्द्र आर्य
क्या कहती है यह पुस्तक. आइये जानते हैं.
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समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
शचीन्द्र आर्य अपनी कविताओं में कुछ अलग और उसे अलग ढंग से कहने की मुखर मुद्रा में नहीं रहते पर ...
शचीन्द्र आर्य की प्रस्तुत कविताओं की ताज़गी अलग दिखने के किसी सचेत प्रयास का कोई नियंत्रित परिणाम नहीं है. कवि ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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