फ़िल्म

स्मृतियों का सलेटी उजाला:  जितेन्द्र भाटिया

स्मृतियों का सलेटी उजाला: जितेन्द्र भाटिया

अविनाश अरुण धावरे द्वारा निर्देशित और जयदीप अहलावत, शेफाली शाह, स्वानंद किरकरे आदि अभिनेताओं से सजी ‘थ्री ऑफ़ अस’ फ़िल्म तीन नवम्बर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है और इसे...

सौमित्र चट्टोपाध्याय होने का अर्थ: कल्लोल चक्रवर्ती

सौमित्र चट्टोपाध्याय होने का अर्थ: कल्लोल चक्रवर्ती

‘बंगाल जिस सांस्कृतिक श्रेष्ठता पर गर्व करता रहा है, सौमित्र कदाचित उसके आखिरी प्रतिनिधि थे. साहित्य, कविता, नाटक, रवींद्र संगीत, फुटबॉल, अड्डेबाजी और मार्क्सवाद पर बंगाली रीझता रहा है, और...

देव आनंद: आशुतोष दुबे

देव आनंद: आशुतोष दुबे

हिंदी फिल्मों में अभिनेता और निर्देशक दोनों भूमिकाओं में देव आनंद (26/9/1923– 3/12/2011) चर्चित रहे. अपने अंदाज़ और तेवर से उन्होंने भारतीय सिनेमा को बहुत समृद्ध किया. उनकी कुछ फ़िल्में...

पोर्ट्रेट ऑफ़ अ लेडी ऑन फ़ायर: आयशा आरफ़ीन

पोर्ट्रेट ऑफ़ अ लेडी ऑन फ़ायर: आयशा आरफ़ीन

कलाओं के सामाजिक दृष्टिकोण को समझना उसके अर्थ का ही विस्तार है. कई महत्वपूर्ण फिल्मों के समाजशात्रीय अध्ययन हुए हैं. युवा समाज-विज्ञानी आएशा आरफ़ीन ने २०१९ में फ़्रांसीसी भाषा में...

संग्रहालय में जीवन: कुमार अम्बुज

संग्रहालय में जीवन: कुमार अम्बुज

कला-वीथिकाओं में कलाकृतियाँ होती हैं, दर्शक और व्यवस्थापक होते हैं. इन तीनों के आपसी रिश्तों पर निर्देशक जेम कोहेन ने ‘Museum Hours’ शीर्षक से फ़िल्म बनाई थी जो 20१२ में...

ओपेनहाइमर: वैज्ञानिक के मन का महाकाव्य: प्रज्ञा मिश्र

ओपेनहाइमर: वैज्ञानिक के मन का महाकाव्य: प्रज्ञा मिश्र

परमाणु बम के जनक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर (१९०४-१९६७) के जीवन पर आधारित क्रिस्टोफर नोलान निर्देशित फिल्म ‘Oppenheimer’ अभी जल्दी ही प्रदर्शित हुई है. वैज्ञानिक के जीवन के उतार-चढ़ाव, निष्ठा और...

रेत में भी रेत का फूल खिलता है: कुमार अम्‍बुज

रेत में भी रेत का फूल खिलता है: कुमार अम्‍बुज

1964 की हिरोशी तेशिगहारा (Hiroshi Teshigahara) द्वारा निर्देशित जापानी फ़िल्म ‘वुमन इन द ड्यून्स’ को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं. विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज की इस श्रृंखला का यह...

दूसरों की मारक ख़ामोशी:  कुमार अम्‍बुज

दूसरों की मारक ख़ामोशी: कुमार अम्‍बुज

नम्बर, 2022 में ‘विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज’ की चौदहवीं कड़ी के साथ यह स्वीकारोक्ति भी नत्थी थी- “यह पूर्ण विराम नहीं, साँस लेने की नीयत से किंचित विश्राम है....

मेरा कटा हुआ सिर एक क्षमायाचना है: कुमार अम्‍बुज

मेरा कटा हुआ सिर एक क्षमायाचना है: कुमार अम्‍बुज

‘विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज’ की शुरुआत पिछले वर्ष सर्दियों की उठान के साथ हुई थी. लगभग एक वर्ष में विश्व की कालजयी फ़िल्मों में से चौदह फ़िल्मों पर काम...

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