फ़िल्म

विष्णु खरे : हिन्दी सिनेमा का पहला ‘रेआलपोलिटीक’-वर्ष

विष्णु खरे का हिंदी और विश्व फिल्मों से नाता 5 दशकों से भी अधिक पुराना है. वह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में लिखते रहे हैं. उनका मानना है कि...

विष्णु खरे : पवन मल्होत्रा बेनक़ाब

पवन मल्होत्रा पवन मल्होत्रा को आप चेहरे से पहचानते होंगे, संभव है उनका नाम न जानते हों.   हम फिल्मों के नाम पर केवल ‘मुख्य–धारा’ के नायक, नायिकाओं की चर्चा देखते सुनते...

विष्णु खरे : अपनी सिने-दुनिया और ‘’असहिष्णुता’’

‘तंगनज़री’ एक खतरनाक बीमारी है, यह शको-सुब्हा से पैदा होती है, गलतफहमी से पलती बढ़ती है, मज़हबी खुराक पाते ही लाइलाज़ हो जाती है. इससे ‘सेंटिमेंट हर्ट’ टाइप की महामारी...

विष्णु खरे : सईद जाफ़री

      सिनेमा और रंगमंच के बेहतरीन कलाकार सईद जाफ़री का पिछले १५ तारीख को देहांत हो गया. प्रेमचंद की कहानी पर आधारित सत्यजीत राय की फ़िल्म ’शतरंज के...

विष्णु खरे : किसके घर जाएगा सैलाबे बला

लोकतंत्र में व्यक्ति की गरिमा और आज़ादी के पक्ष में पुरस्कार वापसी का विस्तार साहित्य, कला, इतिहास, विज्ञान से होते हुए अब फ़िल्म-संसार तक है. किसी भी सभ्य समाज में...

विष्णु खरे : एक जन्मशती की भ्रूणहत्या

हिंदी सिनेमा की महान हस्ती ‘किशोर साहू’ के महत्वकांक्षी जन्मशती समारोह के लिए किये गये प्रयासों का यह हस्र होगा किसी ने सोचा न था. यह पूरा प्रकरण किसी खोजी...

विष्णु खरे : ख़ूनी राष्ट्र-प्रसव से उपजी विवादित महाफ़िल्म

’दि बर्थ ऑफ़ ए नेशन’’ अपनी सिनेमाई-कला में अद्भुत कृति है पर अपनी बनावट में  समस्यामूलक भी. 1915 की इस मूक फ़िल्म को देखना सच में किसी महाकाव्य को पढने...

विष्णु खरे: यह भी क्या कोई जीवनी होगी !

यह जानते हुए भी कि अज़हर की भूमिका में इमरान हाशमी हैं, हिन्दुस्तानी क्रिकेटर मुहम्मद अज़हरुद्दीन के जीवन पर आधारित फ़िल्म ‘अज़हर’ आप किन कारणों से देखना चाहेंगे?  क्या अज़हरुद्दीन...

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