ईरानी सिनेमा में अब्बास किआरुस्तमी की वही जगह है जो भारतीय सिनेमा में सत्यजित राय की, वह विश्व के महानतम...
Read moreअभिनेता सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ के बहाने लेखक–विश्लेषक संदीप सिंह ने उस पब्लिक स्फ़ीयर (लोक-वृत्त) को समझने का प्रयास...
Read more(*रामन राघव बने नवाजुद्दीन सिद्दीकी) प्रत्येक दूसरे रविवार के अपने इस चर्चित स्तम्भ में विष्णु खरे फिर हाज़िर हैं. यह आलेख...
Read moreसैराट फ़िल्म का एक दृश्यमराठी फ़िल्म सैराट की विष्णु खरे की विवेचना से आरम्भ इस वाद-विवाद- संवाद में अब तक...
Read moreप्रसिद्ध रंगकर्मी और कवि कावालम नारायण पणिक्कर (28 April 1928 − 26 June 2016) को 1983 में ‘संगीत नाटक एकेडमी...
Read moreसमालोचन में मराठी फ़िल्म सैराट पर जारी बहस लगातार और धारदार होती जा रही है. संदीप सिंह ने फ़िल्म, उसके...
Read moreफ़िल्म ‘उड़ता पंजाब’ सत्ता-सेंसर से आज़ाद होकर लोक-वृत्त में है. नशा, कला, नियंत्रण, अस्मिता, न्याय, प्रचार और व्यवसायकी सीढियों से...
Read moreकैन लोच की फिल्म "आइ,डेनिअल ब्लेक" को इस वर्ष के कान फिल्म महोत्सव का सर्वोच्च पुरस्कार ‘’पाल्म...
Read moreमराठी फ़िल्म ‘सैराट’ की व्यावसायिक सफलता के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. नागराज मंजुले के निर्देशन में बनी इस...
Read moreविष्णु खरे ने अपने इसी स्तम्भ में राजनेताओं और सिने-जगत के सम्बन्धों पर पहले भी लिखा है. सलमान खान के...
Read moreसमालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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