राकेश श्रीमाल के संयोजकत्व में कोलकाता की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था ‘नीलांबर’ की ‘उषा गांगुली स्मृति व्याख्यान माला’ के अंतर्गत ज्योतिष...
Read more1961 में प्रदर्शित ‘Judgement at Nuremberg’ को ऑस्कर के अलावा कई सम्मान मिले हैं. यह विश्व की कुछ अच्छी, विचारोत्तेजक...
Read moreरंगमंच में इधर अकल्पनीय प्रयोग हुए हैं, कल्पनाशीलता और आधुनिक तकनीक की मदद से भारतीय रंगमंच ने प्रादेशिक रंगमंचीय शैलियों...
Read moreसिनेमा हॉल जिन्हें चलचित्र मंदिर या टॉकिज आदि नामों से जाना जाता था अब अतीत की बातें हो गयीं हैं,...
Read moreरतन थियाम रंगमंच की दुनिया के विश्वविख्यात रंगकर्मी हैं. मणिपुरी रंगमंच के और भी निर्देशक हैं जो खूब सक्रिय हैं...
Read moreभरतमुनि का ‘नाट्यशास्त्र’ अपनी विषयगत व्यापकता और समग्रता के कारण आज भी नाटककारों के लिए प्रेरणा और चुनौती का विषय...
Read moreशेक्सपियर ने 1600 ईसवी के आप-पास नाटक ‘हैमलेट’ की रचना की थी. कई देशों में इसपर आधारित और इससे प्रभावित...
Read moreमहत्वपूर्ण चेक लेखक बोहुमिल ह्राबाल के उपन्यास पर आधारित फ़िल्म ‘I Served the King of England’ (2006) आपने शायद देखी...
Read moreसाहित्य ही नहीं कला माध्यमों में भी विश्व स्तर पर बदलाव हो रहें हैं. विश्व-साहित्य से हिंदी-समाज कुछ परिचित है...
Read more'भूलन कांदा’ वनौषधि है, माना जाता है कि इसका स्पर्श मनुष्य को उसके रास्ते से भटका देती है. संजीव बख्शी...
Read moreसमालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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