आलेख

मीरां : माधव हाड़ा

मीरां : माधव हाड़ा

जब इतिहास करवट बदलता है, साहित्य भी अंगड़ाई लेता है. दबे स्वर सुनाई पड़ने लगते हैं. हिंदी साहित्य के इतिहास में प्रमुखता से स्त्री स्वर जो मीरां बाई का था,...

मलय रायचौधुरी : कल्लोल चक्रवर्ती

मलय रायचौधुरी : कल्लोल चक्रवर्ती

हिंदी में ‘भूखी पीढ़ी’ कविता का ज़िक्र होता रहा है. हिंदी के कई कवि इससे प्रभावित भी थे. पर इसका अधिक प्रभाव बांग्ला साहित्य पर हुआ. मलय रायचौधुरी द्वारा इसकी...

केशव तिवारी : शैलेन्द्र कुमार शुक्ल

केशव तिवारी : शैलेन्द्र कुमार शुक्ल

साठ पार कर चुके केशव तिवारी के चार कविता संग्रह- ‘इस मिट्टी से बना’, ‘आसान नहीं विदा करना’, ‘तो काहे का मैं’ और ‘नदी का मर्सिया तो पानी ही गाएगा’...

कुमार अम्बुज : सन्तोष अर्श

कुमार अम्बुज : सन्तोष अर्श

कुमार अम्बुज की कविताओं पर विचार करते हुए विष्णु खरे ने एक जगह लिखा है कि ‘उनके पास डीएसएलआर कैमरे से व्यक्तियों, वस्तुओं, दृश्यों के कई तकनीकों और कोणों से...

विनय सौरभ : राही डूमरचीर

विनय सौरभ : राही डूमरचीर

वर्षों से विनय सौरभ की कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही हैं. उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उनका पहला संग्रह ‘बख़्तियारपुर’ इस वर्ष राजकमल से प्रकाशित हुआ...

चरथ भिक्खवे : रमाशंकर सिंह

चरथ भिक्खवे : रमाशंकर सिंह

ब्रह्मांड ही यात्रा पर है. गंगा की तरह बहता रहता है आकाश. जैसे यात्रा स्वभाव हो. मनुष्य की सभ्यता यात्राओं से निर्मित हुई है. ज्ञान की यात्रा भी. बुद्ध के...

कोरियाई लेखन के लिए नोबेल पुरस्कार : पंकज मोहन

कोरियाई लेखन के लिए नोबेल पुरस्कार : पंकज मोहन

अपने ‘गहन काव्यात्मक गद्य’ के लिए ख्यात 53 वर्षीय कोरियाई लेखिका हान कांग का 2024 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए नाम जब सामने आया, लेखिका की ही तरह...

महात्मा और मशीन : अभय कुमार

महात्मा और मशीन : अभय कुमार

मशीनों के बिना मनुष्य की कल्पना करना आज असंभव है. कहीं ऐसा तो नहीं कि वे हमें संचालित करने लगी हैं. इसको ऐसे समझिए कि आप मोबाइल इस्तेमाल कर रहे...

वैज्ञानिक गांधी : पराग मांदले

वैज्ञानिक गांधी : पराग मांदले

जब दो अक्टूबर आता है, मन आशंकाओं से भर जाता है. न जाने इस बार गांधी को किस तरह से और कितने लोग निंदित करेंगे. कौन सीधे उनके हत्यारों के...

कुँवर नारायण का कला चिंतन: दिनेश श्रीनेत

कुँवर नारायण का कला चिंतन: दिनेश श्रीनेत

हिंदी में कलाकार-लेखक कम हैं. सीरज सक्सेना चित्रकार, सिरेमिक और ग्राफिक कलाकार हैं. ‘आकाश एक ताल है’, ‘सिमट सिमट जल’ और ‘कला की जगहें’ उनकी पुस्तकें हैं. कुँवर नारायण की...

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