आलेख

विनोद कुमार शुक्ल को 59 वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार :  संजीव बख्‍शी

विनोद कुमार शुक्ल को 59 वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार : संजीव बख्‍शी

हिंदी के अग्रगण्य साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष २०२४ के लिए प्रतिष्ठित 59 वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा हुई है. यह भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जिसे...

हंसा जाई अकेला : राकेश बिहारी

हंसा जाई अकेला : राकेश बिहारी

प्रसिद्ध कथाकार और ‘कथा’ पत्रिका के संपादक मार्कण्डेय (2 मई 1930 - 18 मार्च 2010) की आज पुण्यतिथि है. उन्हें स्मरण करते हुए इस अवसर पर उनकी प्रसिद्ध कहानी ‘हंसा...

मनु गांधी की डायरी : रूबल

मनु गांधी की डायरी : रूबल

मनु गांधी की डायरी का दूसरा हिस्सा श्री त्रिदीप सुहृद द्वारा गुजराती से संपादित और अनूदित होकर अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ है. यह हिस्सा महत्वपूर्ण इसलिए है कि इसमें महात्मा...

चनाब की धार में सोबती का लोकतन्त्र :सन्तोष अर्श

चनाब की धार में सोबती का लोकतन्त्र :सन्तोष अर्श

युवा आलोचक सन्तोष अर्श का यह आलेख जितना कृष्णा सोबती पर है उतना ही आज के भारतीय लोकतंत्र पर भी. मनुष्य की स्वतंत्रता और गरिमा का सवाल लोकतंत्र का मूल...

अदालत में साहित्यकार : शुभनीत कौशिक

अदालत में साहित्यकार : शुभनीत कौशिक

साहित्यकार वैसे ही अपने अंदर चल रहे अंतहीन मुक़दमों के वादी-प्रतिवादी की भूमिका में रहते हैं. पर कभी-कभी उन्हें बाहर की कचहरी के भी चक्कर लगाने पड़ते हैं. ज़ाहिर है...

शिक्षक नामवर सिंह :  कमलानंद झा

शिक्षक नामवर सिंह : कमलानंद झा

आलोचना ही ऐसा क्षेत्र है जिसमें हिंदी साहित्य के शिक्षकों ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि से नामवर सिंह, मैनेजर पाण्डेय तक होती...

पुत्री का प्रेमी : सामर्थ्य और सीमा : राकेश बिहारी

पुत्री का प्रेमी : सामर्थ्य और सीमा : राकेश बिहारी

वरिष्ठ कथाकार ओमा शर्मा की समालोचन में प्रकाशित कहानी ‘पुत्री का प्रेमी’ ने साहित्य जगत के मानस को मथ दिया है. बड़ी संख्या में आ रही प्रतिक्रियाओं में समकालीन लेखक...

Page 1 of 35 1 2 35

फ़ेसबुक पर जुड़ें