रायपुर में पिछले दस वर्षो से अनवरत ‘मुक्तिबोध स्मृति व्याख्यान’ के अंतर्गत इस वर्ष ११ सितम्बर को व्याख्याता थे वरिष्ठ...
विवरण जिनमें समकालीन मध्यवर्गीय जीवन अपना होना लिखता रहता है मसलन रोजाना के खर्चे की बेतरतीब सी घरेलू डायरी जिसमें...
किसी विषय को केंद्र में रखकर कविताओं की श्रृंखला तैयार करने की प्रवृत्ति हिंदी में है, नदी, पहाड़, प्रेम और...
योगफलअरुण कमलवाणी प्रकाशन, नयी दिल्लीप्रथम संस्करण -2019मूल्य- रू. 295प्रसिद्ध हिंदी कवि अरुण कमल की २०११ से २०१८ के बीच लिखी...
राकेश मिश्र के तीन कविता संग्रह इसी वर्ष प्रकाशित हुए हैं. उनकी कवितायेँ सहज, सरल, सुबोध हैं. वे जीवन से...
कृष्णा सोबती की स्त्रियाँ दबंग हैं और अपनी यौनिकता को लेकर मुखर भी. पर क्या वे ‘स्त्रीवादी’ भी हैं? कृष्णा...
‘फ़रियाद की कोई लय नहीं है नाला पाबंद-ए-नय नहीं है.’ (ग़ालिब)साहित्य कला है, वह आवाज़, पुकार और मशाल है. वह...
अनामिका अनु , त्रिवेन्द्रम में रहती हैं और कविताएँ लिखती हैं. कविता को मनुष्यता की पुकार कहा गया है, जिस...
जैसे कोई कोई ही कवि होता है उसी तरह से कुछ ही सहृदय होते हैं जहाँ कविताएँ खुलती हैं. सुरुचि,...
भाषा त्वचा की तरह होती है. क्या कभी त्वचा भी बदली जा सकती है. इस देश की विडम्बनाओं का कोई...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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