विश्व प्रसिद्ध स्वीडिश कवि, लेखक अनुवादक टॉमस ट्रांसट्रोमर की कविताओं के ६० से अधिक भाषाओँ में अनुवाद हुए हैं....
मुंबई ख़ुद अपने में एक महागाथा है. अंग्रेजों के आने के बाद वह भारत का केन्द्रीय शहर बन गया और...
हिंदी का आलोचना-साहित्य गंभीर और विस्तृत है. यह अपने समय और समाज से गहरे जुड़ा है. इसके परिसर में देसी–परदेशी...
सुमन केशरी से हरप्रीत कौर की बातचीत सुमन केशरी हिंदी की...
कथाकार तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी ने यह दिलचस्प बातचीत की है. बातचीत का दायरा बड़ा है. डायस्पोरा साहित्य...
शमशेर बहादुर सिंह आलोचकों की दुविधा हैं. केदारनाथ अग्रवाल ने कही लिखा है- 'वहाँ उस आईने में खड़ा है मेरा...
केदारनाथ अग्रवाल पर नरेन्द्र पुंडरीक और कालु लाल कुलमी की बातचीत
हिंदी से पूर्व–उत्तर की भाषाओं के रिश्तों पर केंद्रित गोपाल प्रधान का यह आलेख गम्भीरता से हिंदी साहित्य में पूर्व–उत्तर...
रोहिणी फ़िल्म और टेलिविज़न के साथ की थियेटर की भी प्रबुद्ध कलाकार हैं. अर्थ, सारांश और गाँधी जैसी फिल्मों में...
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने अपने प्रसिद्ध निबन्ध, ‘कविता क्या है?’ की शुरुआत इन पंक्तिओं से की है- ‘कविता से मनुष्य-भाव...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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