समीक्षा

प्रेम भी एक यातना है : राकेशरेणु

प्रेम भी एक यातना है : राकेशरेणु

कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें हम कभी पूरी तरह नहीं जान सकते, जैसे प्रेम. इश्क के दरिया का पानी हर बार बदल जाता है; पुरानी हिकमतें यहाँ कारगर नहीं होतीं....

मैं तुम्हें पतझड़ में मिलने आऊँगी : तेजी ग्रोवर

मैं तुम्हें पतझड़ में मिलने आऊँगी : तेजी ग्रोवर

अपनी न्यूनतमवादी शैली (मिनिमलिस्ट) और सूक्ष्म भावों के लिए विख्यात फ़्रांसीसी कवयित्री आनी देवू बेर्तलो की कविताओं का हिंदी अनुवाद कवि रुस्तम सिंह ने किया है, जिसे Des Plumes Press...

मिर्र : पवन करण

मिर्र : पवन करण

युवा कथाकार आयशा आरफ़ीन का पहला कहानी-संग्रह ‘मिर्र’ इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. आयशा आरफ़ीन की कहानियाँ और अनुवाद आप पहले भी पढ़ते रहे हैं. उनकी कहानियों...

धर्म वह नाव नहीं : अनिल कुमार कार्की

धर्म वह नाव नहीं : अनिल कुमार कार्की

शिरीष कुमार मौर्य अपने कविता-संग्रह ‘धर्म वह नाव नहीं’ को ‘नव-चर्यापद’ कहते हैं. सिद्धों द्वारा विरचित आचरण के पदों (चर्यापद) के समानांतर चलती ये कविताएँ शब्दों में रहस्य, उपदेश में...

अबके मरेंगे तो बदली बनेंगे : संतोष अर्श

अबके मरेंगे तो बदली बनेंगे : संतोष अर्श

‘अपनों में नहीं रह पाने का गीत’ तथा ‘बंजारा नमक लाया' के बाद ‘अबके मरेंगे तो बदली बनेंगे’ प्रभात की कविताओं का नया संग्रह है. प्रभात गहन संवेदनशीलता, सघन लोकगति...

मदर मेरी कम्स टू मी : अमिता शीरीं

मदर मेरी कम्स टू मी : अमिता शीरीं

अरुन्धति रॉय समकालीन महत्वपूर्ण लेखिका तो हैं ही, वे उन कुछ लेखकों के सिलसिले में भी हैं जिन्होंने अपने शब्द और कर्म से सत्ता का प्रतिपक्ष रचा, परिणाम भुगते और...

निर्वासन, प्रेम और यहूदी  : महेश मिश्र

निर्वासन, प्रेम और यहूदी : महेश मिश्र

एली वीज़ल (1928–2016) केवल एक लेखक नहीं, बल्कि इतिहास के सबसे गहरे घाव के जीवित साक्षी थे. होलोकॉस्ट से बच निकलने के बाद उन्होंने विस्थापन, यातना और मानवता की तलाश...

राष्ट्र निर्माण में आदिवासी : रविन्द्र कुमार

राष्ट्र निर्माण में आदिवासी : रविन्द्र कुमार

भारतीय इतिहास-लेखन में हाशिए के समाजों (जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं) की निर्णायक भूमिका की पड़ताल आरंभ तो हुई है, पर यह अभी अधूरी है और अनेक आयाम अब भी...

विटामिन ज़िन्दगी : रवि रंजन

विटामिन ज़िन्दगी : रवि रंजन

भारतीय साहित्य की सबसे बड़ी ऑनलाइन लाइब्रेरी ‘कविता कोश’ और ‘गद्य कोश’ के संस्थापक ललित कुमार का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. उनकी आत्मकथा ‘विटामिन ज़िन्दगी’ पर चर्चा करते...

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