समीक्षा

परख : हत्या की पावन इच्छाएँ (भालचन्द्र जोशी) : राकेश बिहारी

प्रेम, प्रकृति और पुनर्वास का त्रिकोण       राकेश बिहारी <!--> पुस्तक       : हत्या की पावन इच्छाएं              (कहानी-संग्रह)लेखक       : भालचन्द्र जोशी प्रकाशक      :...

परख : हलंत (हृषीकेश सुलभ): राकेश बिहारी

वरिष्ठ कथाकार और रंगकर्मी हृषीकेश सुलभ ने आज अपने सक्रिय जीवन के साठ वर्ष पूरे किये हैं. इसी वर्ष उनका नया कहानी संग्रह भी प्रकशित हुआ है. इस संग्रह की...

परख : हाता रहीम (वीरेंद्र सारंग) : राकेश बिहारी

जनगणना में आमजन     राकेश बिहारी <!--> पुस्तक       : हाता रहीम (उपन्यास)लेखक       : वीरेंद्र सारंग प्रकाशक      :  राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली पृष्ठ संख्या   :...

परख : हुल पहाड़िया (उपन्यास) – राकेश कुमार सिंह : राकेश बिहारी

नेपथ्य का नायक – तिलका मांझी       राकेश बिहारी बाहरीशक्तियों द्वारा किसी समाज या समुदाय विशेष की पहचान और अस्मिता के अतिक्रमण तथा उसके विरोध की कड़ियों के दस्तावेजीकरण से...

परख : आदिम बस्तिओं के बीच

आदिम बस्तिओं के बीच (कविता संग्रह)नन्द भारद्वाजप्रकाशक :विजया बुक्सनवीन शाहदरा, दिल्ली - ११००३२प्रथम संस्करण - २०११मूल्य - १७५ रूपयेसमीक्षा : अपर्णा मनोज ______________स्मृतियाँ ::पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती हलके में रेतीले धोरों...

कई चाँद थे सरे आसमाँ: गोपाल प्रधान

कई चाँद थे सरे आसमाँ: गोपाल प्रधान

“मुद्दतों बाद उर्दू में एक ऐसा उपन्यास आया है, जिसने हिंदो–पाक की अदबी दुनिया में हलचल मचा दी है. क्या इसका मुकाबला उस हलचल से किया जाय जो उमराव जान...

शिगाफ़ : सुमन केशरी

शिग़ाफ़ : दरारों पर पुल बनाने की कोशिशसुमन केशरी राजकमल से २०१० में प्रकाशित मनीषा कुलश्रेष्ठ के  उपन्यास शिगाफ पर जिज्ञासा द्वारा आयोजित परिचर्चा में सुमन केशरी का आलेख. कृति...

Page 19 of 20 1 18 19 20

फ़ेसबुक पर जुड़ें