फ़ेलिक्स डिसोज़ा: अनुवाद: भारतभूषण तिवारी
मराठी के समकालीन कवि फ़ेलिक्स डिसोज़ा के दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उन्होंने कुछ नाटकों और नुक्कड़ नाटकों का भी निर्देशन किया है. उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा...
मराठी के समकालीन कवि फ़ेलिक्स डिसोज़ा के दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उन्होंने कुछ नाटकों और नुक्कड़ नाटकों का भी निर्देशन किया है. उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा...
इवॉन्न वेरा (Yvonne Vera) अफ्रीका के कुछ महत्वपूर्ण कथाकारों मे से एक मानी जाती हैं. उनका पहला संग्रह ‘Why Don\'t You Carve Other Animals’, 1992 में प्रकाशित हुआ था. इस...
अनुवाद दो भाषाओं को जहाँ जोड़ता है वहीं दो संस्कृतियों को मिलाता भी है. ‘इस्टोनिया’ की कवयित्री डोरिस कारेवा की अपनी ख्याति तो है ही उन्होंने कबीर का इस्टोनियन भाषा...
दुनिया में जिन कवियों को विश्व-कवि और महाकवि का दर्ज़ा मिला है, उनकी अग्रणी पंक्ति में पाब्लो नेरूदा शुमार किए जाते हैं. उनका जन्म (वास्तविक नाम: रिकार्दो एलिसेर नेफ्ताली रेयेस...
फिलिस्तीनी कवि नजवान दरवीश की कुछ कविताओं का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कवि मंगलेश डबराल ने किया है.
मार्खेज़ की कहानियों का जादुई यथार्थ, यथार्थ को उसकी सम्पूर्ण निर्ममता और विडम्बना के साथ प्रस्तुत करता है. चीजें जिस तरह से जटिल हो रहीं हैं और क्रूर होती गयी...
हमारे समय के महत्वपूर्ण कवियों में से एक डब्ल्यू. एस. मरविन (William Stanley Merwin : September 30, 1927 – March 15, 2019) का इसी साल मार्च में निधन हो गया,...
भारतीय अंग्रेजी लेखन में मलयाली भाषी कमला दास (31 March 1934 – 31 May 2009) एक युग का प्रतिनिधित्व करती हैं. अपनी आत्मकथा के लिए वह ख़ासी चर्चित रहीं, स्त्री...
अफसर अहमद बांग्ला भाषा के मशहूर कथाकार हैं. मृणाल सेन की फ़िल्म ‘आमार भुबोन’ उनके ही उपन्यास ‘धानज्योत्स्ना’ पर आधारित है. अफसर अहमद के २७ उपन्यास और १४ कथेतर कृतियाँ...
हारुकी मुराकामी की 1980 से 1991 के बीच लिखी कहानियों के संग्रह ‘The Elephant Vanishes’ में "On Seeing the 100% Perfect Girl One Beautiful April Morning" शीर्षक से यह कहानी...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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