क्वारनटीन: राजिंदर सिंह बेदी
उर्दू के प्रसिद्ध कथाकार राजिंदर सिंह बेदी (1915–1984) की एक कहानी का शीर्षक है ‘क्वारनटीन’ जो अंग्रेजी राज में फैली प्लेग महामारी को केंद्र में रखकर लिखी गयी है. इस कहानी...
उर्दू के प्रसिद्ध कथाकार राजिंदर सिंह बेदी (1915–1984) की एक कहानी का शीर्षक है ‘क्वारनटीन’ जो अंग्रेजी राज में फैली प्लेग महामारी को केंद्र में रखकर लिखी गयी है. इस कहानी...
भूपिंदरप्रीत (जन्म :1967) समकालीन पंजाबी कविता के परिदृश्य में महत्वपूर्ण और अग्रणी कवि माने जाते हैं, उनके छह कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उनकी कविताओं के अनुवाद आप पहले भी समालोचन...
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वी.एस.नायपॉल के महत्वपूर्ण उपन्यास \'आधा जीवन\' (Half a Life) का तीसरा और अंतिम भाग प्रस्तुत है. इसका अनुवाद जय कौशल ने किया है, यह अनुवाद उनके अकादमिक कार्य का हिस्सा...
राजकमल निःसंदेह हिंदी ही नहीं भारतीय भाषाओं का सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन संस्थान है. इसकी उम्र आज़ाद भारत की ही उम्र है. इसके इतिहास का जीवंत और दीर्घ हिस्सा शीला सन्धु के...
सुकृता पॉल कुमार भारतीय अंग्रेजी लेखकों में प्रमुखता से रेखांकित की जाती हैं. 'विदाउट मार्जिन्स', 'फोल्ड्स ऑफ़ साइलेंस', 'नैरेटिंग पार्टीशन', 'दि न्यू स्टोरी,' 'इस्मत : हर लाइफ, हर टाइम्स' आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ...
दंगे और हिंसा भाषा के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करते हैं और यह कि साहित्य ने अपना काम ठीक से नहीं किया है, वह आवश्यक विवेक और संवेदनशीलता पैदा...
हंगरी के लेखक लैस्ज़्लो क्रैस्ज़्नाहोरकाइ (Laszlo Krasznahorkai, जन्म : १९५४) के छह उपन्यास प्रकाशित हैं और उन्हें इनके लिए कई राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं जिसमें ‘Man International Booker...
खंजना शर्मा (जन्म 1978) असम के पाठसाला में रहती हैं. 2019 में उनकी कविताओं का पहला संग्रह प्रकाशित हुआ, जिसका शीर्षक है“पानीर दुआर” यानि “पानी द्वार”. इसके अलावा उनकी कविताएँ...
मराठी के समकालीन कवि फ़ेलिक्स डिसोज़ा के दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उन्होंने कुछ नाटकों और नुक्कड़ नाटकों का भी निर्देशन किया है. उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा...
इवॉन्न वेरा (Yvonne Vera) अफ्रीका के कुछ महत्वपूर्ण कथाकारों मे से एक मानी जाती हैं. उनका पहला संग्रह ‘Why Don\'t You Carve Other Animals’, 1992 में प्रकाशित हुआ था. इस...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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