अनुवाद

तिब्बत: भुचुंग डी सोनम की कविताएँ :  अनुराधा सिंह

तिब्बत: भुचुंग डी सोनम की कविताएँ : अनुराधा सिंह

भुचुंग डी सोनम तिब्बत के महत्वपूर्ण कवि हैं, निर्वासन की उनकी कविताओं ने विश्व में प्रतिष्ठा प्राप्त की है. हिंदी में उन्हें प्रस्तुत कर रहीं हैं अनुराधा सिंह, कविताओं का...

संजुक्ता दासगुप्ता की कविताएँ (अनुवाद- रेखा सेठी)

\'संजुक्ता दासगुप्ता अंग्रेज़ी की प्रतिष्ठित कवयित्री हैं. उनके छह कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं— Snapshots (1996), Dilemma (2002), First Language (2005), More Light (2008), Lakshmi Unbound (2017) और Sita’s...

हां बोल दो न : टोबॉयस वोल्फ (यादवेन्द्र)

अमरीकन कथाकार Tobias Wolff (जन्म: जून १९, १९४५) की कहानी ‘Say Yes’ का लेखक-अनुवादक यादवेन्द्र द्वारा हिंदी रूपांतरण ‘हां बोल दो न’ पढ़ते हुए लगता है कि आप किसी टिक-टिक करते...

क्वारनटीन: राजिंदर सिंह बेदी

उर्दू के प्रसिद्ध कथाकार राजिंदर सिंह बेदी (1915–1984) की एक कहानी का शीर्षक है ‘क्वारनटीन’ जो अंग्रेजी राज में फैली प्लेग महामारी को केंद्र में रखकर लिखी गयी है. इस कहानी...

भूपिंदरप्रीत की पन्द्रह कविताएँ (पंजाबी):  रुस्तम

भूपिंदरप्रीत की पन्द्रह कविताएँ (पंजाबी): रुस्तम

भूपिंदरप्रीत (जन्म :1967) समकालीन पंजाबी कविता के परिदृश्य में महत्वपूर्ण और अग्रणी कवि माने जाते हैं, उनके छह कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उनकी कविताओं के अनुवाद आप पहले भी समालोचन...

वी.एस.नायपॉल : आधा जीवन – ३ : जय कौशल

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वी.एस.नायपॉल के महत्वपूर्ण उपन्यास \'आधा जीवन\' (Half a Life) का तीसरा और अंतिम भाग प्रस्तुत है. इसका अनुवाद जय कौशल ने किया है, यह अनुवाद उनके अकादमिक कार्य का हिस्सा...

शीला संधू: चौराहे–दर-चौराहे ज़िंदगी (अनुवाद – नरेश गोस्वामी)

शीला संधू: चौराहे–दर-चौराहे ज़िंदगी (अनुवाद – नरेश गोस्वामी)

राजकमल निःसंदेह हिंदी ही नहीं भारतीय भाषाओं का सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन संस्थान है. इसकी उम्र आज़ाद भारत की ही उम्र है. इसके इतिहास का जीवंत और दीर्घ हिस्सा शीला सन्धु के...

कृष्णा सोबती का लेखकीय व्यक्तित्व: सुकृता पॉल कुमार

कृष्णा सोबती का लेखकीय व्यक्तित्व: सुकृता पॉल कुमार

सुकृता पॉल कुमार भारतीय अंग्रेजी लेखकों में प्रमुखता से रेखांकित की जाती हैं. 'विदाउट मार्जिन्स', 'फोल्ड्स ऑफ़ साइलेंस', 'नैरेटिंग पार्टीशन', 'दि न्यू स्टोरी,'  'इस्मत : हर लाइफ, हर टाइम्स' आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ...

भाषा का काव्यात्मक यातना-गृह : स्लावोय ज़िज़ेक (अनुवाद : आदित्य)

दंगे और हिंसा भाषा के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करते हैं और यह कि साहित्य ने अपना काम ठीक से नहीं किया है, वह आवश्यक विवेक और संवेदनशीलता पैदा...

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