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परख : साहस और डर के बीच : मीना बुद्धिराजा

डायरी : साहस और डर के बीचलेखक:  नरेन्द्र मोहनप्रथम संस्करण : 2018प्रकाशक : संभावना प्रकाशन,  हापुड़-245101मूल्य : रू  450डायरी में अगर सच्चाई है तो उसका साहित्य से इतर भी महत्व...

बेगम अख़्तर : शान्ती हीरानन्द से यतीन्द्र मिश्र का संवाद

अख़्तरीबाई फ़ैज़ाबादी (१९१४- १९७४) की ज़िन्दगी और गायकी पर आधारित यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘अख़्तरी: सोज़ और साज़ का अफ़साना’ इसी साल वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हुई है. आलेख, संस्मरण,...

अर्चना वर्मा की स्मृति और उनकी कविताएँ : कर्ण सिंह चौहान

लेखिका अर्चना वर्मा लम्बे अरसे तक हिंदी की दो महत्वपूर्ण पत्रिकाओं– ‘हंस’ और ‘कथादेश’ से जुड़ी रहीं, न जाने कितने नवोदित लेखकों को उन्होंने पहचाना, संवारा और उन्हें ससम्मान प्रकाशित...

मैं कहता आँखिन देखी : उदय प्रकाश से संतोष अर्श की बातचीत

उदय प्रकाश साहित्य में अब एक वैश्विक उपस्थिति हैं. उनके कथा-संसार का विश्व की अनेक प्रमुख भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है, कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान उन्हें मिले हैं, सत्ता...

परख : इसी से बचा जीवन (राकेशरेणु) : मीना बुद्धिराजा

इसी से बचा जीवनराकेशरेणुप्रथम संस्करण-  2019 प्रकाशक- लोकमित्र प्रकाशन,  दिल्ली- 110032आवरण चित्र- अनुप्रियामूल्य- रू- 250\"वे जो महुये के फूल बीन रही थींफूल हरसिंगार केप्रेम में निमग्न थींवे जो गोबर पाथ...

मंगलाचार : अखिलेश सिंह

(Way going Photo by Nikos Prionas)कविताओं का पहला प्रकाशन ख़ुशी, उम्मीद और ज़िम्मेदारी एक साथ है. अखिलेश सिंह की इन कविताओं में नवोन्मेष है पर इसे शिल्प में रचने के...

क्षमा करो हे वत्स ! : जीवन राग और अनबीते व्यतीत की मृत्युकथा : अल्पना सिंह

कथाकार देवेन्द्र की कहानी ‘नालंदा पर गिद्ध’ का ज़िक्र कुछ दिन पहले समालोचन पर नरेश गोस्वामी की कहानी ‘पिरामिड के नीचे’ के सन्दर्भ में हुआ था. देवेन्द्र की एक और चर्चित...

कथा-गाथा : क्षमा करो हे वत्स ! : देवेंद्र

कथाकार देवेन्द्र की कहानी ‘नालंदा पर गिद्ध’ का ज़िक्र कुछ दिन पहले समालोचन पर नरेश गोस्वामी की कहानी ‘पिरामिड के नीचे’ के सन्दर्भ में हुआ था. देवेन्द्र की एक और चर्चित कहानी है ‘क्षमा करो...

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