असहमति- 2 : कविताएँ
असमति के इस दूसरे अंक में विनोद दास, लीलाधर मंडलोई, नवल शुक्ल, सविता सिंह, पवन करण, प्रभात, केशव तिवारी, प्रभात ...
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असमति के इस दूसरे अंक में विनोद दास, लीलाधर मंडलोई, नवल शुक्ल, सविता सिंह, पवन करण, प्रभात, केशव तिवारी, प्रभात ...
साहित्य में ऐसे कुछ रचनाकार हैं, जिन्हें पढ़कर कहना पड़ता है कि उन्हें नियमित लिखते रहना चाहिए. अपर्णा मनोज ने ...
हंसा दीप हिंदी की कथाकार हैं, कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय में लगभग 17 वर्षों से हिंदी पढ़ा रहीं हैं. उन्होंने ...
अरबी कविता में युगांतर उपस्थित करने वाले और विश्व के श्रेष्ठ कवियों में से एक अदूनिस (अली अहमद सईद अस्बार, ...
वसंतोत्सव के इस माह में प्रेम के विश्व प्रसिद्ध आख्यान ‘Love In the Time of Cholera’ के एक अंश का ...
पेंटिग : Paresh Maity: SUNLIGHTअपर्णा मनोज कविताएँ लिख रही हैं, कहानियाँ प्रकाशित हुई हैं और उनके अनुवादों ने भी ध्यान खींचा ...
भूमंडलोत्तर कहानियों के चयन और आलोचना के क्रम में इस बार अपर्णा मनोज की कहानी ‘नीला घर’ पर आलोचक राकेश ...
एलिस मुनरो को २०१३ के साहित्य के नोबल पुरस्कार मिलने के बाद उनके व्यक्तित्व के प्रति उत्सुकता और कृतित्व को ...
निज़ार क़ब्बानी की दो प्रसिद्ध कविताओं का अपर्णा मनोज द्वारा किया गया अनुवाद प्रस्तुत है.
भारतीय अंगेजी लेखन में कथा साहित्य की प्रतिष्ठा और उसका प्रभाव है. अंगेजी में कविता लिखने वाली भारतीय युवा पीढ़ी ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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